मंडी (वी कुमार) : नगर परिषद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष की कुर्सी के लिए कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने जो महागठबंधन किया था उस पर अब पार्टी के बड़े नेता नाराजगी जताने लग गए हैं। मंडी में पत्रकारों से रूबरू हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने इस महागठबंधन को अनुचित बताया है। पत्रकारों से बात करते हुए अनिल शर्मा ने बताया कि नगर परिषद में कांग्रेस समर्थित अधिक पार्षद चुनकर आए थे और सभी चुने हुए पार्षदों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद को लेकर इनसे बात भी की थी।
बातचीत के दौरान अध्यक्ष पद के लिए दो महिला प्रत्याशी दावेदार थी, जिनके लिए पार्षदों के बीच वोटिंग करवाई गई और वोटिंग में टाई हुआ। ऐसी स्थिति में लक्की ड्रा निकालने का फैसला लिया गया जिसमें फैसला एक महिला प्रत्याशी के हक में हो गया। लेकिन कांग्रेस के एक धड़े में कुर्सी पाने की इच्छा इतनी प्रवल थी कि उन्होंने कुर्सी के लिये भाजपा नेताओं के साथ हाथ मिला लिया और महागठबंधन कर लिया।
बता दें कि नगर परिषद मंडी में भाजपा समर्थित सिर्फ तीन ही पार्षद चुनकर आये हैं लेकिन कांग्रेस के एक धड़े ने अध्यक्ष पद की कुर्सी हथियाने के लिये भाजपा के पार्षदों के साथ हाथ मिला लिया और अपने लिये अध्यक्ष पद तथा भाजपा को तोहफे के रूप में उपाध्यक्ष पद दे दिया। अब इस पर स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री अनिल शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया जाहीर की है। अनिल शर्मा का कहना है कि कुर्सी के लिये इस प्रकार से महागठबंधन करना किसी भी लिहाज से उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि जो गठबंधन हुआ है वह ठीक नहीं है लेकिन जितने भी प्रतिनिधि चुनकर आये हैं वह उन सभी को अपना सहयोग देंगे। अनिल शर्मा का कहना है कि प्रतिनिधि जनता ने चुनकर भेजें हैं ताकि शहर का सही ढंग से विकास हो सके और इसके लिये वह सभी पार्षदों को अपनी तरफ से पूरा सहयोग देंगे।