शिमला (एमबीएम न्यूज़) : राजधानी शिमला में सीवरेज युक्त पानी की आपूर्ति से पीलिया फैलने के मामले में आईपीएच अफसरों का जेल जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। स्पेशल जांच दल ने शनिवार को शिमला सर्कल के आईपीएच डिविजन नंबर दो के एसडीओ एचसी चौहान को गिरफ्तार किया। पांच दिन पहले उक्त एसडीओ को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में यह चौथी गिरफ्तार है।
एसआईटी ने पिछले कल मल्याणा व ढली सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों का रखरखाव करने वाले ठेकेदार अक्षय डोगर को गिरफतार किया था। उसे आज स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां से उसे चार दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। इस मामले में एसआईटी ने सबसे पहले आईपीएच के जूनियर इंजीनियर प्रवीण कुमार और सीवरेज प्लांट के सुपरीवाइजर मनोज वर्मा को गिरफ्तार किया था। फिलहाल ये दोनों हिरासत में चल रहे हैं।
इस बीच मामले की छानबीन कर रही एसआईटी ने आज आईपीएच विभाग के शिमला जोन के मुख्य अभियंता आरएम मुकुल को तलब किया। सूत्रों ने बताया कि मुख्य अभियंता आरएम मुकुल आज एसआईटी के समक्ष हाजिर हुए और पीलिया प्रकरण में उनसे पूछताछ हुई। समझा जाता है कि आने वाले दिनों में एसआईटी कोताही बरतने वाले आईपीएच के कुछ अन्य अफसरों को भी हिरासत में ले सकती है।
गौरतलब है कि पीलिया फैलने के मामले में नगर निगम के डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने बीते छह जनवरी को पुलिस को शिकायत पत्र सौंपा था। जिस पर ढली थाने में जलप्रदूषण की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले की जांच के लिए पुलिस प्रशासन ने 17 जनवरी को एसआईटी का गठन किया था। 21 जनवरी को एसआईटी ने मामले में पहली गिरफ्तारी की थी।
शिमला में पीलिया से बीमार हुए लोगों का आंकड़ा डेढ हजार तक पहुंच गया है, जबकि इसके संक्रमण से कुछ मौतें भी हुई हैं। अब तक की जांच में सामने आया है कि अश्वनी खड्ड में सीवरेज सन्यत्रों की गंदगी बहने से पीलिया पनपा है, क्योंकि अश्वनी खड्ड से शिमला व सोलन शहरों में जलापूर्ति होती है।