नाहन, 23 जुलाई : शहर की दुबली-पतली आशा वर्कर है मीना शर्मा। पांच साल से मामूली मानदेय पर जनसेवा में लगी रहती है। कोविड संकट में चुनौतियां बेशुमार थी। मगर मजाल है कि वो अपने अटल इरादे से डगमगाई हो।
छोटा चौक की रहने वाली आशा वर्कर के सौम्य स्वभाव व समर्पित सेवाभाव से हर कोई स्थानीय स्तर पर परिचित था, मगर अचानक ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का टवीट आ जाना, इसमें मीना की प्रशंसा होना, खुद उनके लिए आश्चर्य भरा पल था। यही नहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आधिकारिक फेसबुक पेज पर वीडियो भी अपलोड किया गया। इसमें आशा वर्कर मीना शर्मा बखूबी अपने कर्त्तव्य का पालन करती हुई नजर आ रही है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में आशा वर्कर मीना शर्मा ने कहा कि उन्होंने कभी इस बात की परवाह नहीं की कि मानदेय कितना मिलता है, वो हमेशा अपने कार्य में जुटी रही। कोविड संकट की मुश्किलों के बारे में पूछे गए सवाल पर मीना ने कहा कि शुरूआती दौर काफी चुनौतीपूर्ण था। धीरे-धीरे समझ आया तो महसूस किया कि ये भी एक समाजसेवा का जरिया हो सकता है। फिर डयूटी के अलावा संक्रमितों के घरों में राशन व सब्जियां इत्यादि मुहैया करवाना भी दिनचर्या में शामिल हो गया था।
कोविड प्रोटोकाॅल में बदलाव होते रहे, वो इसके मुताबिक अपने कार्य को जारी रखती रही। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपने टवीट में कहा था कि आशा वर्कर मीना शर्मा ने कोविड मरीजों की उचित देखभाल में सक्रिय भूमिका निभाई है। इसी बीच मीना शर्मा ने कहा कि ऐसा कम ही होता है, जब आशा वर्कर के स्तर पर कार्य कर रही महिलाओं को प्रशंसा मिले।
बता दें कि हिमाचल के स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी पोषण अभियान में मीना शर्मा की भूमिका को सराहा जा चुका है। आशा वर्कर मीना शर्मा ने बताया कि कोविड के दौरान उन्होंने घर पर एक स्टोर बना रखा था। प्रवेश करते ही पहले अपनी हरेक वस्तु को वहां रखती थी। इसके बाद पूरी सावधानी बरतने के बाद अपने छोटे बेटे व सास के पास जाया करती थी। इसके साथ ही पारिवारिक जिम्मेदारियों को लेकर भी काफी सावधानी बरतनी पड़ती थी।
कुल मिलाकर शहर की पुत्रवधू मीना शर्मा के नेक कार्यों व समाज सेवा के भाव की चर्चा राष्ट्रीय पटल पर हुई है।