सुंदरनगर/बिलासपुर, 18 जुलाई : हिमाचल प्रदेश के मंडी और बिलासपुर जिला के 2 किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। एक किसान मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के पलौहटा गांव और दूसरे किसान हरिमन शर्मा बिलासपुर के गांव पन्याला से ताल्लुक रखते है। कृषि के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों के बूते पर संजय कुमार व हरिमन शर्मा प्रदेश के किसानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।
राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. हरेंद्र कुमार चौधरी और कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के प्रभारी डॉ. पंकज सूद ने संजय को इस राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए बधाई देते हुए खुशी व्यक्त की है।
अफगानिस्तान और दुबई में लाखों की नौकरी छोड़ संजय कुमार ने अपनाई खेती
अफगानिस्तान और दुबई में लाखों की नौकरी छोड़ खेतों की राह पकड़ने वाले संजय कुमार क्षेत्र के बेरोजगारों के लिए रोजगार भी मुहैया करवा रहे हैं। एम कॉम तक की पढ़ाई करने वाले संजय कुमार 2010 से 2014 तक विदेश में रहे। इसके बाद गांव लौटे तो खेती बाड़ी करने की सोची। कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के वैज्ञानिकों से चर्चा करने के बाद विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी 12 बीघा जमीन में खेती बाड़ी को मजबूती प्रदान कर इसे कमाई के बेहतर साधन में बदल दिया।
चार पॉलीहाउस में उगा रहे बेमौसमी सब्जी
संजय कुमार 560 वर्ग मीटर के चार पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जी उगा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय से संरक्षित खेती पर प्रशिक्षण हासिल किया। इसमें वह शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, धनिया और बीन की खेती करते हैं। जिससे सालाना पांच लाख की आमदनी होती है। संजय कुमार ने 2019 में भारतीय कृषि कौशल परिषद के तहत शून्य लागत प्राकृतिक खेती पर भी कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से प्रशिक्षण हासिल किया। जिसके तहत अब वह शून्य लागत प्राकृतिक खेती में मास्टर ट्रेनर का काम भी कर रहे हैं। खेती बाड़ी में उनके अनुभवों का लाभ प्रदान करने के लिए कृषि बागवानी व अन्य निजी संस्थाओं के प्रशिक्षुओं को उनके फार्म पर भ्रमण भी करवाया जाता है।
देशी नस्ल की गाय और बकरियों से होती है अतिरिक्त आमदनी
संजय कुमार ने देश नस्ल की गायों के साथ ही बकरियों से भी अतिरिक्त आमदनी हासिल की है। वह साहीवाल नस्ल की गायों का दूध बेचते हैं। उन्होंने 20 बकरियां रखी हुई हैं।
उधर कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. हरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि बिलासपुर के किसान हरिमन शर्मा और सुंदरनगर के संजय कुमार ने कृषि वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी कड़ी मेहनत के दम पर यह पुरस्कार हासिल किया है। जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। अपनी इन्हीं उपलब्धियों के चलते वह प्रदेश के अन्य किसानों में प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए हैं।
हरिमन शर्मा के नाम पेटेंट है, सेब-99 की किस्म
हरिमन शर्मा ने 90 के दशक में बागवानी को अपनी रोजी-रोटी का साधन बनाया और दिन प्रति दिन कड़ी मेहनत कर बहुत अच्छा मुकाम हासिल किया। जिला में सबसे पहले सेब हरिमन शर्मा ने तैयार किया, जिसके चलते सेब की यह किस्म हरिमन-99 के नाम से पेटेंट हुई है। हरिमन शर्मा सेब के साथ साथ चीकू की फसल ले रहे हैं। हालांकि बिलासपुर जैसे गर्म जिला में यह सब असम्भव सा था, लेकिन आज अधिकतर लोग खेती के साथ-साथ बागवानी भी कर रहे हैं।
मक्की गेहूं की फसल को छोड़ कर अब सेब, गोभी, लहसुन जैसी फसलें उगाने लगे हैं। हरिमन शर्मा को 16 अवार्ड मिले हैं, जिनमें अधिकतर राष्ट्रीय स्तर के हैं। हरिमन शर्मा का मानना है कि अगर हौंसले बुलंद हों तो और मन में कुछ करने की इच्छा है तो इन्सान कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है।