नाहन, 18 जुलाई : हिमाचल में स्कूल शिक्षा बोर्ड ने जमा दो का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। लेकिन परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद सरकारी स्कूल के कुछ बच्चों ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि उनके साथ समानता का अधिकार होते हुए भी मतभेद किया गया है।
बच्चों ने आरोप लगाए है कि सरकारी स्कूल के कुछ बच्चों को फैल कर दिया गया है, जबकि पास हुए बच्चों को बहुत कम नंबर दिए गए है। वहीँ प्राइवेट स्कूल का कोई विद्यार्थी फ़ैल नहीं हुआ और 100 % रिजल्ट रहा। प्राइवेट स्कूल के सभी विद्यार्थियों को पास कर दिया गया है।
निजी स्कूलों के अधिकतर विद्यार्थियों के 90%अंक आए है, जबकि सरकारी स्कूल के बच्चों के 80% भी नहीं है। उनका कहना है कि 100 % मार्क्स बच्चों के उस समय नहीं आए जब बच्चों की नियमित रूप से कक्षाएं ली जाती थी तो कोरोना काल में इतने अंक कैसे आ सकते है यह एक सोचने का विषय है।
कोई भी सरकारी स्कूल का बच्चा इस परिणाम से संतुष्ट नही है। उनका कहना है कि माना बोर्ड द्वारा एक मौका दिया जा रहा है लेकिन दूसरी तरफ 26 जुलाई से कॉलेजों में दाखिले भी शुरू हो गए है ऐसे में वह 12 वी की परीक्षा दें या फिर आगे की पढ़ाई पर ध्यान दें। उन्होंने मांग की है कि उनके फर्स्ट व सेकंड टर्म के पेपर को बोर्ड द्वारा धर्मशाला मंगवाया जाए और उनकी रिचेकिंग करवाई जाएं। उन्होंने प्रदेश के शिक्षा मंत्री से मांग की है कि इस पर उचित कार्रवाई की जाएँ।