शिमला (एमबीएम न्यूज): कमाल देखिए, आधुनिक तकनीक में राज्य का पंचायतीराज महकमा कितना पिछड़ा हुआ है। हरेक पंचायत तक पकड़ रखने वाला यह विभाग आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल में पीछे रह गया है। जबकि सबसे पहले इसी महकमे को टैक्नोलॉजी से लैस होना चाहिए था। हरेक पंचायत को कंप्यूटरीकृत करने का सपना देखा जा चुका है, लेकिन विभाग की अपनी ही वैबसाइट पर जिला परिषद अध्यक्षों के नाम व टेलीफोन नंबर इत्यादि ही अपडेट नहीं हुए हैं।
22 जनवरी को पुराने जिला परिषद अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, लेकिन विभाग की वैबसाइट पर पुराने ही नाम दर्ज हैं। यह सही है कि कुछ जिलों में अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के चुनाव बाकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन जिलों में चुनाव हो चुके हैं, वहां की जानकारी अपडेट की जा सकती थी। शेष को ब्लैंक रखा जा सकता था। सूत्रों के मुताबिक राज्य के गांव-गांव से जुड़े इस विभाग के पास सुविधाओं की कमी है। लिहाजा हाई टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा। ऐसे में पहाड़ी राज्य में कैसे पंचायतीराज के ढांचे को मजबूत करने की घोषणाएं की जा रही हैं।
सूत्र बताते हैं कि 22 जनवरी को तत्काल प्रभाव से ही वैबसाइट पर ही जानकारी को अपडेट कर दिया जाना चाहिए था, क्योंकि 23 जनवरी से नई जिला परिषदों का गठन समझा गया है। उधर विभाग के संयुक्त निदेशक केवल शर्मा ने पूछे जाने पर कहा कि जल्द ही वैबसाइट को अपडेट कर दिया जाएगा। उन्होंने माना कि 22 जनवरी के बाद नया कार्यकाल शुरू हो चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ जिलों में जिला परिषद के अध्यक्ष का चुनाव शेष हैं, लेकिन उनका कार्यकाल भी 23 जनवरी से ही माना जाएगा।