शिमला, 1 जुलाई : हिमाचल प्रदेश से बाहरी राज्यों के लिए एचआरटीसी बसों का यात्रियों की 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालन गुरुवार से शुरू हो गया है। पहले दिन एचआरटीसी की 317 बसें इंटर स्टेट रूटों पर दौड़ीं। लेकिन हैरत यह रही कि पहले ही दिन 50 प्रतिशत सीटों के साथ बसों में ऑक्यूपैंसी भी 50 प्रतिशत रही। दिल्ली व चंडीगढ़ जाने के लिए यात्रियों की अधिक संख्या रही।
शिमला से चंडीगढ़ जाने वाली सभी बसों में ऑक्यूपैंसी 50 प्रतिशत रही। देर शाम तक शिमला से दिल्ली-चंडीगढ़ व अन्य इंटर स्टेट रूटों पर शिमला से 52 रूटों बसें भेजी गई। हालांकि 50 प्रतिशत सीटों के साथ ही बसें चलने के कारण कुछ पर्यटकों को बसें नहीं मिली पाई, ऐसे में पर्यटकों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा।
एचआरटीसी से मिली जानकारी के अनुसार बाहरी राज्य चंडीगढ़ व दिल्ली जाने वाले यात्रियों की अधिक संख्या है। ऐसे में शिमला से जितने रूट तय किए गए उन सभी इंटर स्टेट रूटों में बसें भेजी गई। इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा सहित अन्य जिलों में भी इंटर स्टेट बसों में 40 से 45 प्रतिशत ऑक्यूपैंसी रही। वीरवार को इंटर स्टेट बसों के शुरू होने पर पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा परिवहन निगम व रोडवेज की बसें शिमला सहित अन्य जिलों में पहुंची है। ऐसे में शुक्रवार से इंटर स्टेट रूटों पर चलने वाले बसों की स्थिति सामान्य होगी और यात्रियों को अधिक बस सर्विस मिलेगी।
परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने बताया कि पहले दिन 317 रूटों पर इंटर स्टेट बसें चलाई गईं। जैसे-जैसे बसों की मांग बढ़ेगी, वैसे एचआरटीसी की बसों के रूट बढ़ाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में इस वर्ष एचआरटीसी को 105 करोड़ का घाटा हुआ है। लेकिन अब जैसे-जैसे प्रदेश व बाहरी राज्यों में बसें चलेगी इससे घाटे की भरपाई होगी। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों व पैंशनरों की निगम पर 950 करोड़ की देनदारियां देने को है।