सुंदरनगर, 21 जून : हिमाचल प्रदेश में न सिर्फ टीकाकरण महा अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है, बल्कि टीके की वेस्टेज को भी जीरो रखने का लक्ष्य तय किया गया है। वैक्सीन की वेस्टेज को लेकर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग इस पर पूरी नजर बनाए रखे है।
वहीं इसके तहत प्रदेश में अभी तक कोरोना वैक्सीन की वेस्टेज जीरो प्रतिशत है। वैक्सीन को बर्बादी से बचाने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा जारी दिशानिर्देशानुसार टीकाकरण केंद्र पर कम से कम 9 लाभार्थी मौजूद होने के उपरांत ही नई वाईल (शीशी) खोली जाती है। इसके अनुरूप टीकाकरण केंद्रों पर मौजूद मेडिकल स्टाफ 9 लाभार्थियों की मौजूदगी के बाद ही वैक्सीन की नई वाईल खोलते हैं।
जानकारी देते हुए ब्लॉक वैक्सीनेशन स्टोर चौक के मेडिकल ऑफिसर डॉ. अरुण चंदेल ने कहा कि कोविशील्ड की एक शीशी का समयांतराल 4 घंटे का होता है और इन 4 घंटों में अगर कोई अन्य लाभार्थी नहीं होता है, तो वैक्सीन की वाईल बर्बाद हो जाती हैं। इससे वैक्सीन की वेस्टेज जीरो हो जाती है।
डॉ. अरुण चंदेल ने कहा कि 18-44 आयु वर्ग लाभार्थियों की निर्धारित संख्या 100 से कम लोग आने पर वैक्सीन की बर्बादी बचाने के लिए जिला स्तर से कुछ स्लॉट खुलवाए जाते हैं। इससे खोली गई वैक्सीनेशन वाईल के लिए 9 लाभार्थी पूरे होकर इसकी बर्बादी नहीं होने दी जाती है। इससे वैक्सीनेशन को लेकर वेस्टेज जीरो है।