हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान : जिला सिरमौर व शिमला की सरहद पर विद्यमान माता भंगायणी मंदिर के कपाट भले ही खुले न हो, फिर भी आम जन मानस और माता रानी के प्रिय भक्त रुकने का नाम नहीं ले रहे है। माता के दर्शन करने के लिए इन दिनों लगातार श्रद्धालुओं की आमद बढ़ती नजर आ रही है। लंबे समय के अंतराल से हिमाचल प्रदेश के सभी देवालय, मंदिर संस्थानों पर भले ही रोक है, लेकिन जैसे ही सरकार के दिशा निर्देशों में अनलॉक प्रक्रिया आरंभ हो गई। मगर फिर भी मंदिरों के खुलने पर प्रतिबंध है, उसी एवज में लोगों की चहलकदमी रुकने का नाम नहीं ले रही है।
मन्दिर सेवा समिति ने माना कि माता रानी के असंख्य श्रद्धालु अपनी आस्था रखते हैं। दूर दराज के राज्यों से यहां तक पहुंच रहे हैं। ऐसी स्थिति में यात्रियों को रोकना बेहद मुश्किल हो रहा है। यात्रियों के जत्थे आ रहें है जबकि सरकार की गाइडलाइन मंदिर को बंद रखने की है फिर भी मंदिर बंद रखा गया है और यात्री बाहर से ही अपनी मन्नत मुरादें माता रानी के दरबार में रखते हुए, अपनी यात्रा मंगलमय बना रहे है।
बहरहाल मंदिर सेवा समिति के लिए भी इस आमद को रोकना बड़ी चुनौती होगी। रविवार को काफी संख्या में श्रद्धालु यहां अधिक आते हैं।
यात्रियों से संपर्क करने पर जानकारी प्राप्त हुई कि माता रानी के दरबार में हाजरी लगाने से सभी प्रकार के दुख संकट दूर हो जाते है। कोरोना के चलते यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध होने से परेशानी हो रही है, जबकि अनलॉक प्रक्रिया आरंभ हो गई है। ऐसे में सरकार को मन्दिरों के खोलने की अनुमति भी प्रदान करनी चाहिए। क्योंकि यह एक आस्था से जुड़ा हुआ मामला है। आम जन मानस के विश्वास का प्रतिबिंब है। अनेकों लोगों के आर्थिकी से जुड़ा हुआ पहलू है, ऐसी स्थिति में मन्दिरों को खोलना भी अनिवार्य है।