शिमला, 04 जून : हिमाचल में अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में बिखरे पड़े नेता अब सक्रिय हो रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के आला नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सहारे पार्टी को सत्ता में लाने की कवायद में जुट गए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी और सुधीर शर्मा ने हाल ही में ऊना में बैठक कर कांग्रेस में नए समीकरणों के संकेत दिए। वहीं आज राजधानी शिमला में जुटे कांग्रेस के कद्दावर नेताओं ने एकजुटता का संदेश देकर ये साबित करने का प्रयास किया कि वीरभद्र सिंह के बिना न तो उनकी सियासी नैया पार होगी और न ही कांग्रेस को प्रदेश की सत्ता पर काबिज किया जा सकता है।
वीरभद्र सिंह के विरोधी गुट के माने जाने वाले पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर भी अब पासा पलटते नज़र आ रहे हैं। शुक्रवार को शिमला में कांग्रेस पार्टी की रणनीति बनाने में जुटने वाले नेताओं में कौल सिंह ठाकुर के अलावा नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी, सुधीर शर्मा, विधायक विक्रमादित्य सिंह व पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट शामिल रहे।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री व उक्त नेताओं ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए साफ किया कि वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में लडे जाएगें और भाजपा का सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र के बर्थडे को पार्टी स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाएगी। उनका कहना है कि केंद्र में सोनिया गांधी और राहुल गांधी जिस तरह हमारे नेता है, उसी तरह प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री हमारे नेता है।
अग्निहोत्री ने जयराम सरकार पर तीखे हमले करते हुए ये साफ कर दिया कि पार्टी अब सत्तारूढ़ दल के खिलाफ पहले से अधिक आक्रामक तेवर इख्तियार करेगी। अग्निहोत्री ने आरोप जड़ा कि राज्य में कोरोना काल के दौरान हर कदम पर भ्रष्टाचार हुआ है तथा विदेशों से जो राहत सामग्री मिली है, उसमें भी बंदरबांट हो रही है।
अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कांग्रेस को कोसना छोड़ कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए धरातल पर प्रभावी कदम उठाए। कोविड पीड़ित परिवारों को सरकार ने कोई राहत नहीं दे पाई है। आरोप लगाया कि रैफरल मरीजों को आईसीयू बेड नहीं मिल रहे हैं, जिससे मौत हो रही है।