शिमला, 01 जून : कालका-शिमला फोरलेन पर सनवारा टोल प्लाजा पर हो रही टोल वसूली पर हिमाचल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष और परियोजना निदेशक को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख दो जून यानी बुधवार को निर्धारित की है।
मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति अनूप चितकारा की एक खंडपीठ ने मंगलवार को ये आदेश अदित सिंघल द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर पारित किए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सनवारा में टोल प्लाजा की स्थापना अवैध और नियमों के विपरीत है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि नियमों के अनुसार 60 किलोमीटर की दूरी के भीतर एक ही खंड में कोई टोल प्लाजा स्थापित नहीं किया जा सकता है, जबकि अन्य टोल प्लाजा जिला पंचकूला के चंडी मंदिर और जिला सोलन के परवाणु में भी स्थापित हैं। ये दोनों सनवारा टोल प्लाजा से 60 किलोमीटर के भीतर हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा मेसर्स जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स द्वारा 95 प्रतिशत काम पूरा करने का कंप्लीशन सर्टिफिकेट गलत और मनमाने ढंग से जारी किया गया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार निर्माण कार्य पूरा होने से पहले टोल लगाया गया है, जबकि कुमारहट्टी, सपरून और परवाणू में टिम्बर ट्रेल रिज़ॉर्ट में फ्लाईओवर और उसके अंडरपास के निर्माण कार्य का अधिकांश हिस्सा भी पूरा नहीं हुआ है। इसे पूरा करने में महीनों या एक साल लग सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि आम जनता अधूरी सुविधाओं के लिए अत्यधिक दरों पर टोल देने को मजबूर है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि टोल रोड का ठीक से रखरखाव नहीं किया गया है और खंड का हिस्सा दुर्घटना सम्भावित है, क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ कस्बों और गांवों से टोल रोड में शामिल होने वाली सड़कों की कोई उचित बैरिकेडिंग नहीं है।
याचिकाकर्ता ने सांवारा स्थित अपने टोल प्लाजा पर प्रतिवादियों को टोल शुल्क जमा करने से रोकने के लिए निर्देश जारी करने की अदालत से प्रार्थना की है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा एम/जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स को जारी किए गए अनुबंध, निर्माण, पूर्णता प्रमाण पत्र को रद्द करने और सांवारा टोल प्लाजा को पार करने वाले वाहनों द्वारा देय टोल शुल्क तय करने वाली अधिसूचना को रद्द करने की भी गुहार लगाई है।