पांवटा साहिब, 29 मई : कस्बे के देवीनगर स्थित यूनीक फाॅर्मूलेशन्स के परिसर से मेडिसन नशे की खेप बरामदगी के मामले में हालांकि पंजाब पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली, लेकिन स्थानीय स्तर पर भी गहमा-गहमी चल रही है।
शनिवार देर दोपहर आईजी हिमांशु मिश्रा का अचानक ही मुख्यालय में पहुंचना इत्तफाक था या नहीं, ये कहना तो मुश्किल है, लेकिन कुछ देर रुकने के बाद वो पांवटा साहिब रवाना हो गए। लिहाजा ये भी अटकलें हैं कि वो इस मामले के फीडबैक लेने को लेकर ही पहुंचे हैं। सूत्रों का ये कहना है कि ड्रग विभाग चाहता है कि पुलिस इस बात की जांच करें कि क्या वास्तव में फैक्टरी से वो टेबलेट व कैप्सूल दिल्ली ही भेजे गए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस ने अमृतसर में बरामद किया था।
इसके अलावा एक बात ये भी है कि क्या कहीं फर्जी बिल्टियां या फिर नकली मार्किटिंग कंपनी बनाई गई हो। बता दें कि पंजाब पुलिस ने फैक्टरी के परिसर से लगभग 30.2 लाख टेबलेटस व कैप्सूल्स बरामद किए थे। इसकी कीमत 15 करोड़ रुपए आंकी गई। गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने ट्रामाडोल की 50 हजार टेबलेटस को 18 मई 2021 कोे अमृतसर (ग्रामीण) में बरामद किया था। इसी के बाद से पंजाब पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई थी।
वीरवार की रात पंजाब पुलिस ने फैक्टरी में दबिश दी। सुबह 3 बजे तक कार्रवाई चलती रही। उल्लेखनीय है कि अमृतसर ग्रामीण के मट्टेवाल पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। खैर, नजरें अब इस बात पर टिकी हुई हैं कि स्थानीय स्तर पर क्या कार्रवाई होती है। ये भी पता चला है कि इस उद्योग में मई के महीने में ही पहली बार मेडिसन से जुड़ी ऐसी दवाईयों का उत्पादन किया गया था, जो नशे के लिए भी किया जा सकता है।
बहरहाल, आईजी के अचानक पहुंचने की वजह को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी उपलब्ध नहीं है। अलबत्ता, सूत्रों का यह जरूर कहना है कि आईजी ने एसपी की मौजूदगी में ड्रग विभाग के अधिकारियों से इस मामले में फीडबैक लिया है।
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हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि आईजी के स्तर पर ये भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं स्थानीय स्तर पर कोई लापरवाही तो नहीं थी। इसके अलावा ये पहलू भी देखा जा रहा है कि लोकल लैवल पर एफआईआर की गुंजाइश है या नहीं।