हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान : कोरोना कर्फ्यू जारी किए जाने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग कुपवी में लोगों को अस्पताल में इलाज कराने में बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर हालत में भवन की दुर्दशा में संसाधन पर्याप्त न होने के चलते मुख्य रूप से ओपीडी को चलाना मुश्किल है। जैसे ही लोगों की भीड़ एकत्र हो जाती हैं तो अस्पताल परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ जाती हैं, लेकिन नए भवन का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है, जो सरकारी तंत्र की दृष्टि से कानून जुर्म है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा चलाई जा रही 108 एंबुलेंस सेवा पिछले दो वर्षों से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुपवी में उपलब्ध नहीं है, जबकि इस संदर्भ में स्थानीय प्रतिनिधियों व समाजसेवी संस्थाओं ने मांग का मुद्दा प्रमुखता से प्रकाशित किया था और विधायक बलबीर वर्मा के समक्ष प्रस्तुत किया, फिर भी इस मामले पर विधायक 150 वर्षों से चुप्पी साधे बैठे रहे और अस्पताल से रैफर किए जाने वाले रोगियों को 160 किलोमीटर दूर दराज के अस्पतालों तक निजी वाहनों से मजबूरन ले जाना पड़ता है।
तहसील मुख्यालय कुपवी की 15 पंचायतों के एकमात्र अस्पताल में एंबुलेंस सेवा उपलब्ध न होने के कारण लोगों को इन दिनों संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया है। कुपवी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ग्रामीणों को खौफ हो गया है। ऐसी गंभीर स्थिति में कुपवी स्वास्थ्य केंद्र के लिए एंबुलेंस सेवा का होना अत्यंत आवश्यक है। स्थानीय लोगों ने सरकार से एंबुलेंस इसी सप्ताह उपलब्ध कराने की मांग की है। नहीं तो स्थानीय निवासी शीघ्र ही धरने पर बैठकर सरकार का विरोध करेंगे।