शिमला, 18 अप्रैल : हिमाचल में चंद रोज से बेशकीमती कारों को पंजीकृत करवाने का मसला खासा चर्चा में है। बड़े-बड़े रसूखदार व धन्ना सेठ क्यो हिमाचल को ही अपनी महंगी कारों को पंजीकृत करवाने को तवज्जो दे रहे हैं, इस सवाल का जवाब तलाशा जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री लगातार इस मामले में सरकार पर हमला कर रहे हैं।
इसी बीच तर्क ये दिया गया है कि राज्य में रजिस्ट्रेशन शुल्क कम होने के कारण पंजीकरण करवाया जाता है तो सवाल पैदा होता है कि डेढ़ करोड़ की मर्सिडीज का रजिस्ट्रेशन टैक्स बचाने के मकसद से ही क्रिकेट खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग भी हिमाचल के कांगड़ा जिला के नूरपुर के निवासी भी बन गए हैं। सहवाग ने अपनी मर्सिडीज कार को 19 फरवरी 2020 को नूरपुर में पंजीकृत करवाया। साफ तौर पर जाहिर हो रहा है कि मकसद टैक्स बचाना ही था।
कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री कह चुके हैं कि दिग्गज खिलाड़ी को भी हिमाचल में कार पंजीकृत करवाने की क्या आवश्यकता पड़ गई थी। प्रशासन कह चुका है कि सहवाग के तमाम दस्तावेज सही हैं। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो वीरेंद्र सहवाग ने शिमला में चल रहे एक स्कूल के साथ एग्रीमेंट किया हुआ है। इसी के चलते मर्सिडीज का पंजीकरण नूरपुर में करवाया गया है।
उधर, बताया ये भी जा रहा है कि मायानगरी मुंबई में भी हिमाचल में पंजीकृत ऐसी लग्जरी कारें देखी जा रही हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है। हालांकि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कई ऐसी लग्जरी कारों की तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट की हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है, लेकिन सबकी नजरें वीरेंद्र सहवाग की मर्सिडीज पर ही टिकी हुई हैं।
शनिवार को भी शिमला में आयोजित पत्रकारवार्ता में नेता प्रतिपक्ष ने कई आरोप लगाए। उधर, एक अन्य जानकारी के मुताबिक ट्रांसपोर्ट महकमे ने 8 अप्रैल को एक पत्र जारी किया था, इसमें तमाम आरएलए को दिशा-निर्देश दिए गए थे। आरोप ये भी है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिन गाड़ियों को कबाड़ की श्रेणी में जाना चाहिए था, उन्हें हिमाचल में बीएस-6 के दस्तावेज के आधार पर पंजीकृत कर दिया गया।
अग्निहोत्री का यह भी आरोप है कि 2 से 3 करोड़ वाली बेशकीमती गाड़ियों का फार्म नंबर 21 व 22 बदलकर इसमें 25 से 30 लाख रुपए की टैक्स चोरी भी की गई। असली दस्तावेजों के स्थान पर सैकेंड दस्तावेज लगाए गए। कुल मिलाकर पुख्ता जांच के बाद ही सही बात सामने आ सकती है।