शिमला, 16 अप्रैल : कोटखाई के बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले में शुक्रवार को सुनाया जाने वाला फैसला आगे टल गया है। इस प्रकरण में अब 28 अप्रैल को फैसला सुनाया जाएगा।
इस मामले की सुनवाई इन दिनों शिमला के सेशन कोर्ट में जारी है। शुक्रवार को सेशन जज राजीव भारद्वाज की कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान आरोपी नीलू को पेश किया गया। इस दौरान सीबीआई की सैम्पलिंग को लेकर दोनों पक्षों के वकीलों के बीच बहस हुई। बचाव पक्ष के वकील एमएस ठाकुर ने कहा कि सीबीआई ने जो सैंपल लिए हैं वह संदेह के घेरे में हैं। सीबीआई ने नीलू के सैंपल हिरासत में लेने से पहले ही ले लिए थे और इसकी सील भी सीबीआई ने अपने पास ही रखी है। बचाव पक्ष के वकील ने यह भी कहा कि इस मामले में किसी अन्य को बचाने के लिए सीबीआई द्वारा नीलू को फसाया जा रहा है।
दूसरी तरफ सीबीआई के वकील की तरफ से कहा गया कि नीलू के डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट बिल्कुल सही है। जज ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की सुनवाई 28 अप्रैल को तय की है। माना जा रहा है कि इस तारीख को कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है।
गौर हो कि कोटखाई क्षेत्र में चार जुलाई 2017 को स्कूल से घर लौटने के बाद गुड़िया अचानक लापता हो गई थी और छह जुलाई की सुबह उसका शव बरामद हुआ था। इस घटना से पूरे प्रदेश में हडक़म्प मच गया था। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन कोटखाई पुलिस लॉकअप में एक आरोपी सूरज की कस्टोडियल मौत हो गई थी। इसके बाद लोगों के दवाब के बीच यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। इसके लिए राज्य सरकार खुद हाईकोर्ट गई थी और वहां अर्जी लगाकर मामले को सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया था। इसके बाद सीबीआई ने सूरज की हत्या के आरोप में प्रदेश पुलिस के आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने मामले में नीलू को गिरफ्तार किया था, जो कि पेशे से चरानी है। सीबीआई ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर नीलू को दुष्कर्म व हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। अहम बात ये है कि गुड़िया के परिजन सहित कुछ स्वयमसेवी संस्थाएं सीबीआई की जांच पर सवाल उठा चुके हैं।