चंबा, 14 अप्रैल : पिता के हुनर को जिंदा रखने के लिए चंबा की एक बेटी ने जिम्मेवारी उठाई है। शहर के समीप स्थित चमेशणी मोहल्ले की रहने वाली लता के पिता पूर्ण चन्द का निधन चार वर्ष पहले हो गया था। उनके पिता पूर्ण चन्द मूर्तिकला के बेहतरीन कारीगर थे। लता ने पिता के मूर्तिकला के हुनर को जिंदा रखने की सोच को लेकर यह काम शुरू किया है। लता ने इस वर्ष भी काली माता की मूर्ति बनाकर पिता की कला को संजोए रखने का कार्य शुरू कर दिया है।
काली माता की मूर्ति को मां ज्वाला जी मन्दिर से सुल्तानपुर वार्ड के माई का बाग मोहल्ला में लाई गई माता की जोत के साथ रखा जाएगा। जिला मुख्यालय के साथ लगते मोहल्ला चमेशनी की रहने वाली (37) लता ने बताया कि उसने मां काली की मूर्ति को बनाने में पराली, लाल मिट्टी गुरीन्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस, कच्ची रस्सी, फटटे और मलमल का कपड़ा और अलग-अलग रंगों का प्रयोग करते हुए करीब तीन सप्ताह के बाद मां काली की मूर्ति तैयार की है।
लता ने पिछले वर्ष कारोना काल के दौरान श्रीराम लीला क्लब चंबा के लिए रावण, मेघनाथ और कुम्भकरण के पुतले बनाऐ थे, लता के कहना के उनके पिता श्रीराम लीला क्लब चंबा के बहुत पुराने सदस्य थे और कल्ब के साथ लगभग 40-45 वर्षों के साथ जुड़े हुए थे तथा सेवा करते थे। लता ने ये भी बताया कि जब उनके पिता पूर्ण चन्द मां काली मूर्ति को बनाते थे तो वो उनके साथ मूर्ति बनाने में सहायता करती थी।
मगर पिता के चार वर्ष निधन के बाद लता ने इसका काम बंद कर दिया। हालांकि कई बार लोग लता के पास आकर मूर्ति बनाने के लिए आग्रह करते थे। इसके बाद लता ने पिता के हुनर को जिंदा रखने के लिए दोबारा से मूर्ति बनाने का फैसला लिया।