हमीरपुर, 8 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (TEQIP-3) परियोजना की एटीयू (Affiliating Technical University) में देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। विश्व बैंक द्वारा संचालित इस परियोजना को लागू करने में तकनीकी विवि हमीरपुर ने असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, उतराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के तकनीकी विश्वविद्यालयों को पीछे करते हुए पहला स्थान हासिल किया है।
तकनीकी विवि के कुलपति प्रो एसपी बंसल ने प्रेसवार्ता में कहा कि वर्ष 2017 में विश्व बैंक द्वारा संचालित तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता एवं सुधार कार्यक्रम परियोजना के तहत तकनीकी विवि को एटीयू के 1.2 क्रम में शामिल किया गया था। इसका परफॉर्मेंस ऑडिट मार्च माह में विश्व बैंक द्वारा नियुक्त स्वतंत्र अकेक्षंक से किया गया। इसमें निर्धारित 66 मापदंडों में से तकनीकी विवि ने 53 में सर्वश्रेष्ठ रैंक, 12 में दूसरा और सिर्फ एक मापदंड में तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि ओवरऑल रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया। भारत में राष्ट्रीय परियोजना कार्यान्वयन इकाई ¼NPIU½ की देखरेख में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम चलाया गया। जिसके तहत लगभग 16 करोड़ रुपए का बजट तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता और सुधार लाने के लिए मिला था।
तकनीकी विवि ने प्रदेश के संबंधित शिक्षण संस्थानों में अनेक शैक्षणिक गतिविधियों को आयोजन किया। इसके अलावा तकनीकी विवि परिसर में डाटा सेंटर, वेब स्टूडियो, ई-लाईब्रेरी और ईआरपी को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। कुलपति ने कहा कि 31 मार्च 2021 को (TEQIP-3) परियोजना समाप्त हुई, जिसकी परफॉर्मेंस ऑडिट की रिपोर्ट आई है।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति बड़ारू दतात्रेय ने कुलपति व परियोजना से जुड़ी पूरी टीम को एटीयू की रैंकिंग में तकनीकी विवि को पहला स्थान हासिल करने के लिए बधाई दी है। वहीं, देशभर से भी तकनीकी विवि को बधाई संदेश प्राप्त हो रहे हैं। उधर, TEQIP-3 के प्रदेश परियोजना अधिकारी डाॅ दिनकर बुराठोकी ने तकनीकी विवि की इस उपलब्धी की सराहना की। कुलपति ने भी TEQIP-3 के समन्वयक एवं अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो कुलभूषण चंदेल व सभी अधिकारियों व कर्मियों को शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा में सुधार के लिए तकनीकी विवि ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन करने, सभी विषयों के पाठ्यक्रम को द्विभाषी करने, 20 प्रतिशत पढ़ाई को ऑनलाइन करने, एक विद्यार्थी-एक पौधा और सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अनुसार शामिल करने की पहल की है। इस मौके पर तकनीकी विवि के कुलसचिव अनुपम कुमार, अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो कुलभूषण चंदेल, अधिष्ठाता फार्मेसी प्रो राजेंद्र गुलेरिया, अधिष्ठाता अभियंत्रिकी प्रो धीरेंद्र शर्मा, वित अधिकारी उतम पटियाल भी उपस्थित रहे।
प्रदेश में अब नोडल विभाग की भूमिका निभाएगा तकनीकी विवि
कुलपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्कूलों, काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में आने वाले समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, डाटा कंप्यूटिंग और कौशल व व्यावसायिक (Artificial Intelligence, Machine Learning Data Computing and Skill & Vocational) के कोर्सां को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जाएगा। जिसके लिए हिमाचल प्रदेश तकनीकी विवि एक नोडल विभाग की भूमिका निभाने को पूरी तरह तैयार है। तकनीक में हिमाचल के विद्यार्थियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देना तकनीकी विवि का मुख्य उद्देश्य है, जिसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।