शिमला, 31 मार्च : अगर मन में सच में कुछ करने की चाहत और उसे पूरा करने की लगन है, तो एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। ऐसा ही साबित किया है हिमाचल प्रदेश की सीमा ने। सीमा ने इंटर-स्टेट बस चलाकर इतिहास रच दिया है। वह इंटर स्टेट रूट पर बस चलाने वाली हिमाचल की पहली महिला बस ड्राइवर बनी है।
सीमा बुधवार को एक राज्य से दूसरे राज्य के लिए चलने वाली एचआरटीसी बस की पहली महिला ड्राइवर बनी। सीमा ठाकुर ने शिमला-चंडीगढ़ रूट पर बस चलाकर महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल पेश की है।
एचआरटीसी की बस लेकर सीमा ठाकुर शिमला से 7 बजकर 55 मिनट पर चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई। वहीं चंडीगढ़ से ये बस 12:30 बजे शिमला के लिए वापसी हुई।
इससे पहले सीमा ठाकुर शिमला-सोलन से इलेक्ट्रिकल बस चलाती रही हैं। इसके अलावा वह शिमला में कई साल तक एचआरटीसी की टैक्सी सर्विस भी चला चुकी है। चालक बनने के बाद सीमा का सपना भारी वाहन का स्टेरिंग थामना था, जो अब पूरा हुआ है।
बता दें कि सीमा ठाकुर सोलन जिले के अर्की की रहने वाली हैं। सीमा ने बचपन में ठान लिया था कि उसे कुछ हट कर करना है। सीमा ने एचआरटीसी में बस चालक बनने का लक्ष्य निर्धारित किया, लेकिन चालक बनने तक का सफर आसान नहीं था। उन्होंने शिमला के कोटशेरा कॉलेज ने बीए और इसके बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से एमए की पढ़ाई की।
कुछ अलग करने की चाहत के कारण सीमा ने बस चालक का प्रोफेशन चुना तथा सभी दिक्कतों को पार कर सीमा ने आखिरकार एचआरटीसी की बस का स्टेयरिंग थाम लिया। सीमा के पिता बलि राम भी एचआरटीसी में चालक थे। उनका निधन हो चुका है। सीमा की 5 मई 2016 को एचआरटीसी में नौकरी लगी थी। शुरू में उसे राजधानी शिमला में एचआरटीसी की टैक्सी चलाने के लिए दी गई। कई बार गुहार लगाने के बाद सीमा को 3 वर्ष पूर्व 2018 में बस चलाने के लिए दी गई और उन्हें शिमला-सोलन रूट की बस में तैनात किया गया था।
इस रूट पर सफलतापूर्वक बस चलाने के बाद एचआरटीसी ने उन्हें इंटर स्टेट रूट की बड़ी जिम्मेदारी प्रदान की है। वह भारी वाहन चलाने वाली एचआरटीसी में एकमात्र महिला चालक है। प्रदेश सरकार उन्हें सम्मानित भी कर चुकी है।