शिमला, 23 मार्च : हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप मंगलवार को 50 बरस के हो गए हैं। कश्यप का जन्म 23 मार्च 1971 को सिरमौर के पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र के पपलाह गांव में हुआ था। विधानसभा का एक चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के किले में ऐसी सेंध लगा चुके हैं कि अब तक कांग्रेस इस हलके से विधानसभा का रास्ता नहीं देख पाई।
कांग्रेस के दिग्गज नेता गंगूराम मुसाफिर को मात देकर विधानसभा का सफर शुरू किया था। इत्तफाक था कि 2019 में जन्मदिन के अवसर पर ही सुरेश कश्यप को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था। इससे पहले विधानसभा की राजनीति कर रहे थे। बता दें कि कांग्रेस के हैवीवेट नेता मुसाफिर को सुरेश कश्यप ने विधानसभा चुनाव में दो बार हराया।
सौम्य व मिलनसार स्वभाव के कश्यप दो साल से शीर्ष नेतृत्व को भी खूब भाए हैं। यही कारण था कि सांसद बनने के बाद पार्टी ने अचानक ही सुरेश कश्यप को प्रदेश अध्यक्ष की कमान भी सौंप दी। साफ जाहिर है कि 23 मार्च 2019 से 23 मार्च 2021 के बीच ही सुरेश कश्यप का राजनीतिक कद बढ़ा। 16 साल 3 महीने तक भारतीय वायुसेना में सेवारत रहे। रिटायर होने के बाद राजनीतिक जीवन को चुना। शुरूआत 2005 में बीडीसी सदस्य के तौर पर की थी। इस दौरान पार्टी ने संगठन में अनुसूचित जाति मोर्चा की जिम्मेदारी भी सौंपी।
पार्टी में कद बढ़ने का कारण यह भी रहा कि कांग्रेस के अभेद किले में सेंध लगाई थी, लेकिन अपनी साफ छवि व ईमानदारी की बदौलत न केवल सांसद बने, बल्कि कुछ ही अंतराल पर पार्टी के राज्य चीफ भी बन गए। लोक प्रशासन में एमफिल कर चुके सुरेश कश्यप ने अंग्रेजी व टूरिज्म स्टडी में पीजी भी की है। भारतीय वायुसेना में 22 अप्रैल 1988 को कैरियर शुरू किया था।
जुलाई 2020 में जब सुरेश कश्यप को डाॅ. राजीव बिंदल की जगह पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तो हर कोई हैरान भी रह गया था, क्योंकि उनके नाम की चर्चा दूर-दूर तक भी कहीं नहीं थी। इसमें भी कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि इस समय हिमाचल में बीजेपी का दलित चेहरा सुरेश कश्यप ही हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कभी भी विवादों में नहीं आए।