पांवटा साहिब, 16 मार्च : उपमंडल के हरिपुर टोहाना में करीब अढ़ाई महीने पहले सुपुर्द-ए-खाक कर दिए गए 35 साल के नूर हसन के शव को कब्र से निकाला गया है। ताकि उसकी मौत की असल वजह सामने आ सके।
दरअसल, 29-30 दिसंबर 2020 को नूर हसन उर्फ सोनू की मौत हो गई थी। पत्नी ने सुबह जब चाय दी तो वो बिस्तर पर औंधे मुंह पड़ा हुआ था। करीबियों को इसकी जानकारी दी गई। निजी क्लीनिक में चैक करवाने पर पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। सुपुर्द-ए-खाक करने के दौरान इस मामले पर कोई शक जाहिर नहीं हुआ।
अचानक ही 4 जनवरी 2021 को नूर हसन के भाई ने मौत को लेकर शक जाहिर कर दिया। साथ ही शव के पोस्टमार्टम का आग्रह किया। चूंकि कब्र से लाश को निकालने का मसला था, लिहाजा इसके लिए एक तय कानूनी प्रक्रिया को अमल में लाया जाना लाजमी था। खैर, एसडीएम व मैजिस्ट्रेट के साथ-साथ पुलिस की मौजूदगी में टीम गठित हुई। इसके बाद कब्र को खोदने का निर्णय हुआ। इसे मंगलवार दोपहर अंजाम दिया गया।
अब लाश को कब्र से निकालने के बाद डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल काॅलेज भेज दिया गया है, ताकि फोरेंसिक जांच हो सके। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कब्र से निकलने के बाद मुर्दा अपनी मौत के क्या राज खोलेगा। अहम बात यह है कि संदिग्ध मौत होने पर पुलिस को तत्काल सूचना नहीं दी गई थी। अन्यथा, आज ये नौबत नहीं आती। हालांकि अंदर खाते सूत्रों का यह भी कहना है कि नूर हसन शराब पीने का आदी था। अधिक शराब का सेवन भी वजह रही होगी।
बहरहाल, असल मौत की वजह पोस्टमार्टम व फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी। डीएसपी वीर बहादुर ने पुष्टि करते हुए कहा कि टीम व गवाहों की मौजूदगी में 35 साल के व्यक्ति के शव को कब्र से निकाला गया है। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक जांच व पोस्टमार्टम के लिए नाहन मेडिकल काॅलेज भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर ही अगली कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने माना कि अगर समय रहते ही पुलिस को सूचना दी गई होती तो सुपुर्द-ए-खाक से पहले ही पोस्टमार्टम करवाया जा सकता था।