नाहन, 15 मार्च : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद ने 22 जनवरी 2019 को एक फैसला लिया। इसमें विश्वविद्यालय से 1990 और इसके बाद बीए, बीएससी, बी काॅम के अलावा OT/MIL (वार्षिक प्रणाली 2012-13) करने वालों को श्रेणी सुधार के लिए विशेष अवसर प्रदान करने का फैसला लिया था। इसके लिए प्रतिवर्ष/प्रति समेस्टर 5000 का शुल्क लेने का फैसला लिया गया।
इसके बाद श्रेणी सुधार की इच्छा रखने वाले ओल्ड स्टुडेंटस ने 10 साल पुरानी किताबों को ढूंढना शुरू कर दिया। खैर, किताबें मिल गई तो पढ़ाई भी की। मगर सोमवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने छात्रों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। दरअसल, 2012 से पहले बीए करने वाले छात्रों को आज नए पाठयक्रम का प्रश्नपत्र थमा दिया गया।
करीब डेढ़ दर्जन छात्र राजकीय महाविद्यालय नाहन में परीक्षा देने पहुंचे थे। परीक्षा देने वाले छात्रों ने इस बाबत काॅलेज प्रशासन के माध्यम से विश्वविद्याल के परीक्षा नियंत्रक को आपत्ति भी दर्ज करवा दी है। इसमें अंग्रेजी विषय की परीक्षा दोबारा करवाने का आग्रह किया गया है।
फिलहाल इस मामले में विश्वविद्यालय का पक्ष उपलब्ध नहीं हुआ है, अलबत्ता दबी जुबान से परीक्षा देने वालों ने कहा कि साफ तौर पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने अपने ओल्ड स्टुडेंटस के हित की बजाय कमाई के मद्देनजर ही श्रेणी सुधार का मौका देने का फैसला लिया था।