हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान
राजगढ़ क्षेत्र के प्रगतिशील किसान राकेश भगनाल ने अपनी जमीन पर कंपोजिट सौर फैंसिंग लगा कर जमीन से होने वाली आमदनी को दोगुना बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। जंगली जानवरों द्वारा उनकी फसलों को नष्ट किए जाने से वह काफी निराश हो गए थे। उनकी अधिकतर खेतहर भूमि बंजर हो गई थी। जंगली जानवरों से तंग आकर खेती संबंधी कार्याे को छोड़ ही दिया था। वह आजीविका के लिए किसी अन्य विकल्प के प्रयास कर रहे थे। कार्याे की तलाश में जुट गए। एक दिन उनकी मुलाकात कृषि विभाग के अधिकारी से हुई।
कृषि अधिकारी ने उन्हें ’’मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना’’ बारे विस्तार से जानकारी दी गई। विषय वाद विशेषज्ञ कृषि के अनुसार इस योजना के तहत कंपोजिट सौर फैंसिंग करने के लिए 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जिसमें किसान को केवल 30 प्रतिशत का शेयर ही देना पड़ता है। कृषि विशेषज्ञ द्वारा दी गई जानकारी से राकेश भगनाल काफी प्रभावित हुए और उन्होंने फैंसिंग करने की ठान ली।
सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद कृषि विभाग की और से 440 मीटर क्षेत्र में कंपोजिट सौर फेंसिंग लगाने के लिए 5 लाख 36 हजार 383 रूपए की राशि स्वीकृत की गई। योजना के तहत उन्हें कृषि विभाग की और से 3 लाख 75 हजार 468 रूपए का अनुदान दिया गया, जबकि राकेश भगनाल ने कंपोजिट सौर फैंसिंग संचालित बाड़ लगाने के लिए अपनी जेब से मात्र एक लाख 60 हजार 915 रूपए ही व्यय किए। उन्होंने बताया कि इस राशि से उन्होने अपनी जमीन की 440 मीटर की बाउंड्री में कंपोजिट सौर फैंसिंग की।
जमीन से लगभग 4 से 5 फुट की ऊंचाई तक बिना करंट की घनी जालियों के ब्लाॅक लगाए, जबकि उसके ऊपर करीब 3 फुट ऊंचाई पर सौर उर्जा से जुड़ी करंट वाली तारें लगाई है। इसमें करंट केवल जालियों के ऊपरी तरफ ही रहता है और उससे नीचे यह पूरी तरह से बंद रहती है।
कंपोजिट सौर फैंसिंग लगाने के बाद अब उन्हें फसलों की पहरेदारी करने से भी विशेष रूप से राहत मिली है। उन्होंने बताया कि जंगली जानवरों, बंदरों व अन्य पशुओं के आतंक से जहां पूरी तरह निजात मिली है वहीं उनके बगीचे में लगाए गए सेब के पौधे, लहसुन व अन्य फसलें भी पूरी तरह से सुरक्षित हुई है। फैंसिंग लगाने से उनकी आमदनी भी दोगुनी हो गई हैं।