शिमला, 22 फरवरी : कोरोना वायरस का टीका लगने के बाद हुई एक आंगनबाड़ी महिला की मौत से चिंता का दौर शुरू हो गया है। हमीरपुर जिला से ताल्लुक रखने वाली 56 वर्षीय महिला ने कल सुबह आईजीएमसी में दम तोड़ा था। इस महिला को गत 29 जनवरी को कोरोना का टीका लगा था। महिला की मौत को लेकर स्वास्थ्य विभाग पर कोरोना वेक्सीनेशन को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
इस बीच आईजीएमसी प्रबन्धन ने साफ किया है कि वैक्सीन लगवाने के बाद जान गंवाने वाली महिला की मौत का कारण कोविड-19 वैक्सीन नहीं है। प्रबंधन ने साफ किया है कि टीकाकरण में शामिल हुई इस महिला की मौत का कोविड-19 वैक्सीन से कोई लेना देना नहीं है।
आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक जनक राज ने आज प्रेस वार्ता में बताया कि महिला की मौत का शुरुआती कारण गुलिन बार सिंड्रोम बीमारी है। महिला की मौत वैक्सीन के कारण हुई है, यह कहना गलत है। महिला के पैथोलॉजी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही असल कारणों का पता चल पाएगा।
जनक राज ने बताया कि महिला को आईजीएमसी लाने के बाद उनको वेंटिलेटर में रखा गया, क्योंकि महिला को गुलिन बार सिंड्रोम (गंभीर नसों की बीमारी) के कारण सांस लेने में तकलीफ हुई और शरीर के विभिन्न अंगों ने काम करना बंद कर दिया, जिसके बाद महिला की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि महिला के मौत के असल कारणों का पैथोलॉजिकल पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद ही पता चला पायेगा जो 2-3 सप्ताह में आएगी।
कुल मिलाकर अगर आइजीएमसी के दावे को सही मान भी लिया जाये तो भी ये सवाल तो बना ही रहेंगे कि जब महिला गंभीर बीमारी से जूझ रही थी तो उसे कोरोना वैक्सीन क्यों लगाई गई। पहले हिस्ट्री जानने की कोशिश क्यों नहीं की गई। इतना तो तय नजर आ रहा है कि कही न कही चूक हुई है।