शिमला, 17 फरवरी : बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले (Scholarship scam) में नौ फर्जी शिक्षण संस्थानों के तीन निदेशकों की गिरफ्तारी के बाद इस मामले की परतें खुलने लगी हैं। चंडीगढ़ (Chandigarh) स्थित 3 बैंक मैनेजर सीबीआई के राडार पर हैं। दरअसल जांच में सामने आया है कि फर्जी शिक्षण संस्थानों और बैंक प्रबंधको ने मिलकर रचा छात्रवृत्ति हड़पने का खेल रचा था और इसमें करोड़ो की रकम डकारी गई। इस सिलसिले में सीबीआई (CBI) ने बुधवार को चंडीगढ़ के 3 बैकों के बेंक प्रबंधकों से शिमला में पुछताछ की है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक और बेंक आफ बड़ोदा के बैंक प्रबंधको को शिमला सीबीआई थाना में पुछताछ के लिए तलब किया गया, जहां इन तीनो बैकों के प्रबंधको दिनभर बारी बारी से पुछताछ हुई है। शाम तक पूछताछ के दौर चला।
जांच एजेंसी ने इन तीनो बैंक प्रबंधको से सवाल जवाब किए कि आखिर बेंको में छात्रो के फर्जी खाते क्यो खोले गए और बेंक खाते खोलते समय क्या क्या दस्तावेज लिए गए । बैंक में अगर छात्रो के खाते खोल ही दिए तो छात्रो के खाते में आने वाली छात्रवृत्ति को बैंक में खोले गए मार्किटिग सोल्यूशन स्कील डवेलपमेंट सोसायटी के खातें में क्यो छात्रवृत्ति का पैसा ट्रांसफर कर दिया।
सीबीआई ने फिर से उक्त तीनो बैंक प्रबधको को बुलाने पर पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है। सूत्रों की मानें तो सीबीआई की पुछताछ पुरी होने पर बैंक प्रबंधको की हिरासत में भी ले सकती है। सीबीआई जांच में सामने आया है कि छात्रवृति हड़पने के लिए हिमाचल सहित पंजाब स्थित कई बैंकों में खाते खोले गए। इसके बाद संबधित खातों में पड़ी करीब 30 करोड़ की छात्रवृति राशि को दो बैंकों में शिफट किया गया है। फर्जी शिक्षण संस्थान, जिनका पात्रता के मसले में रिकार्ड तक नहीं, वे डिग्रियां बांट रहे थे।
सनद रहे कि सीबीआई 265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही है। सीबीआई ने नाइलेट के नाम पर चल रहे नौ फर्जी शिक्षण संस्थानों के तीन निदेशकों को गिरफ्तार किया है जो अभी पांच दिन के सीबीआई रिमांड पर है। आरोपियों में शिक्षण संस्थानों के निदेशक कृष्ण कुमार, राजदीप सिंह और बबिता राज्टा शामिल हैं। बबिता राज्टा मुख्य आरोपी अरविंद राज्टा की पत्नी है।