संगड़ाह, 11 फरवरी : राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह में खाली पड़े विभिन्न विषयों के प्राध्यापकों के पदों को लेकर विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू की गई। एक बार पहले भी छात्रों ने भुख हड़ताल की थी जिसे तत्कालीन भाजपा मंडल अध्यक्ष रहे प्रताप सिंह तोमर, उस समय एसडीएम राहुल कुमार, थाना प्रभारी जीत राम और कॉलेज के प्राचार्य के आश्वासन के बाद 2019 में 26 घंटे के बाद समाप्त करा दिया था।
उस समय मंडल अध्यक्ष और एसडीएम ने कुछ रिक्त पद दस दिन में भरने का आश्वासन भी दिया था कि दस दिन में खाली पड़े पदों को भर दिया जाएगा। कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज परिसर में हो रही 48 घंटे की उक्त भूख हड़ताल को 26 घंटे में समाप्त कर दिया था। दस दिन में खाली पद न भरे जाने की सूरत में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन की भी चेतावनी दी थी। डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी किसी भी प्राध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई। उल्टा एक प्राध्यापक का तबादला कोरोना के समय हुआ है।
वीरवार बाद दोपहर 12 बजे शुरू हुई खाली पदों के मुद्दे पर 2018 में भी 10 सितंबर तथा 2019 में भी 21 अगस्त को विद्यार्थी परिषद द्वारा बस अड्डा बाजार में प्रदर्शन किया जा चुका है। गत वर्ष स्थानीय एसडीएम के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है। कॉलेज में दो वर्ष से केमिस्ट्री, मैथ, फिजिकल एजुकेशन, संगीत व अंग्रेजी आदि विषय सहित लगाकर कुल दस के करीब असिसटेंट प्रोफेसर के पद खाली पड़े हैं।
भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों में एबीवीपी के सुनील राजपूत, राजेश्वर, नेहा, प्रदीप, तरुण, प्रदीप ठाकुर, अजय पुंडीर, गोपाल, मीनाक्षी, नीरज, काशिक, राजीव आदि भुख हड़ताल पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक प्रदेश सरकार हमारी मांग नहीं मानती व कॉलेज में प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं करती तब तक हम ना तो किसी के झांसे में आएंगे और ना भूख हड़ताल खत्म करेंगे। कॉलेज प्रिंसिपल ने बताया की छात्र-छात्राएं भूख हड़ताल पर बैठे हैं और इसकी सूचना एसडीएम संगडाह और डीएसपी संगड़ाह को दी जा चुकी है।