शिमला, 07 फरवरी : हिमाचल यूथ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष यदोपति ठाकुर ने आईजीएमसी (IGMC) के एक टेंडर में करोड़ों के गोलमाल का आरोप सरकार पर लगाया है। उन्होंने सरकार से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है। साथ ही आगाह किया है कि अगर जांच नहीं हुई, तो यूथ कांग्रेस प्रदेश भर में आन्दोलन का आगाज़ कर देगा।
शिमला में प्रेस वार्ता में यदोपति ठाकुर ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए आईजीएमसी में मरीजों को खाना बनाने और बांटने का काम आउटसोर्स कर दिया। पहले जहां अस्पताल प्रशासन यह कार्य 2 करोड़ 39 लाख रुपए सालाना करता था अब सरकार ने आउटसोर्स करके इसी काम को अपने चहेते ठेकेदार को 4 करोड़ 96 लाख रुपए में दे दिया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज का यह व्यक्ति है जिसे काम मिला है। इस व्यक्ति पर पिछले साल 28 जुलाई को कोरोना फैलाने को लेकर एफ़आईआर भी दर्ज हो चुकी है।
यूंका अध्यक्ष ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में बड़ा घोटाला (Scam) हुआ है। दरअसल जिस फर्म को यह टैंडर (Tender) दिया गया है, उसी फर्म को पहले मैडिकल कॉलेज नेरचौक में भी काम दिया गया तथा दोनों ही कॉलेजों में टैंडर के वक्त एक ही प्रधानाचार्य कार्यरत थे। यही नही सरकार ने चहेते ठेकेदार (Contractor) को लाभ पहुंचाने के लिए टैंडर में जानबुझ कर ऐसी शर्ते (condition) जोड़ दी ताकि टैंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाली और कंपनियां बाहर हो जाए।
टैंडर प्रक्रिया में शर्त यह रखी गई कि काम केवल उसी कंपनी को मिलेगा जिसके पास 500 बिस्तरों वाले अस्पताल में इस तरह का काम करने का अनुभव हो। टैंडर में चार कंपनियों ने आवेदन किया था। ये वही कंपनियां थी, जिन्होंने नेरचौक मैडिकल कॉलेज में भी आवेदन किया था। इस बार भी चार में से तीन कंपनियां बाहर हो जाती है और दोनों अस्पतालों में एक ही कंपनी को काम मिलता है।
उन्होंने कहा कि हैरानी तो इस बात की है कि कंपनी ने सरकार को पत्र लिखा कि 2 करोड़ 39 लाख में यह काम नहीं हो सकता। सरकार ने कंपनी के पत्र पर इस की राशि को 4 करोड़ 96 लाख कर दिया।
उन्होंने कहा कि कंपनी के पास स्वास्थ्य क्षेत्र में इस तरह के काम करने का जो अनुभव है, वह बिहार और उत्तर प्रदेश का है। उन्होंने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से इस पूरे मामले की स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है, ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके।