केलांग, 30 जनवरी : स्नो-फ़ेस्टिवल के कार्यक्रम की कड़ी में छठे दिन के आयोजन में तकनीकी शिक्षा मन्त्री डॉ रामलाल मार्कण्डेय ने मुख्यातिथि के रूप में आज सिस्सु-शाशन गांव में ‘अडवेंचर, स्पोर्ट्स एंड टूरिस्म सोसाइटी’ सिस्सु के युवाओं द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत की।
इसमें युवाओं के लिए छोलो व रस्साकस्सी की प्रतियोगिता सहित महिलाओं के लिए बुनाई प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। ‘स्नो क्राफ्ट’ प्रतियोगिता के अंतर्गत बनाई गई कृतियां सभी के लिए आकर्षण का केन्द्र रही। इसमें बर्फ़ से तैयार किए गए कुर्सी-मेज़ पर बिठाकर अतिथियों का स्वागत किया गया। अन्य हिमकृतियों में बर्फ़ का बुद्ध प्रतिमा, छोरतेन, आईबेकस आदि सुन्दर व आकर्षक कृतियां रहीं। आज के कार्यक्रम में लगभग बीस दिन तक लाहौल घाटी पर्यटकों के लिए बन्द रहने के बाद खुली। आज सीस्सु में काफ़ी संख्या में पर्यटक बर्फ़ का आनंद लेने पहुच गए थे। डॉ मार्कण्डेय ने कई पर्यटकों से मुलाकात कर उनसे उनके अनुभव भी सुने। उन्होंने इस मौके पर यहां पहुँचे हुए पर्यटकों का खतक पहनाकर स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि इस फ़ेस्टिवल के माध्यम से समृद्ध ट्राइबल संस्कृति को एक मंच पर लाने व यहां के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जा रहा है, और हर वर्ष मनाया जाएगा। डॉ मार्कण्डेय ने बताया कि हमें अपनी संस्कृति को मौलिक रूप में ही प्रस्तुत करना चाहिये। उन्होंने कहा कि ‘फ़ेस्टिवल ऑफ़ फ़ेस्टिवलस’ के प्रत्येक कार्यक्रम की वीडिओरेकॉर्डिग की जा रही है तथा इसे एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय सभी को पर्यटन के लिए होम स्टे की स्कीम का फ़ायदा उठाना चाहिए। स्थानीय युवक मंडल व महिला मंडल ने सभी को स्थानीय व्यंजनों मरचू, चिलड़ा, आलू, चटनी नमकीन चाय आदि भी परोसे। इस मौक़े पर सहायक आयुक्त राजेश भण्डारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।