सोलन, 25 जनवरी : हिमाचल प्रदेश भले ही पचास वर्ष का हो गया हो लेकिन अभी भी कई ऐसी चीजें है, जो पिछले पचास वर्षो के हिसाब से चल रही है। रविवार देर शाम सोलन के मालरोड स्थित दुकानों में आगजनी की घटना सामने आई लेकिन अग्निशमन विभाग के हाईडेंट में पानी ही नई आया। जिसके चलते समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जा सका। गनीमत यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ लेकिन लाखों रूपये का सामान जल कर राख हो गया।
शहर आग के गोले पर है इस बात को कहने मे कोई अतिशयोक्ति नहीं है। प्रशासन समय-समय पर मॉकड्रिल का आयोजन करता है व अपनी तैयारियों का जायजा लेता है। लेकिन हकीक़त में सब राख हो जाता है। ऐसा ही सोलन के मालरोड पर देखने को मिला। जहां आगजनी की घटना हुई वहां से महज कुछ ही दूरी पर हाईडेंट लगा हुआ था, लेकिन उसमें करीब एक घंटे तक पानी नहीं आया। जैसे-तैसे करके अग्निशमन विभाग व स्थानीय लोगों द्वारा आग पर काबू पाया जाता है। यदि प्रशासन व संबंधित विभाग की मॉकड्रिल हकीक़त जैसी होती तो लाखों का नुकसान होने से बचाया भी जा सकता था,लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिला व्यापार मंडल ने भी अग्निशमन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
व्यापार मंडल के प्रधान कुशल जेठी ने बताया कि अग्निशमन विभाग की लचर कार्यप्रणाली से इतना बडा हादसा हुआ, यदि समय रहते आग पर काबू पाया जाता तो नुकसान को कम किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि शहर भगवान भरोसे है।
वहीं पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में आग के लगने का कारण शाॅट सर्किट माना जा रहा है व पूरी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि लाखों रूपये का नुकसान इस आगजनी की घटना में सामने आया है। डीसी सोलन ने माना की हाइड्रेंट में पानी नहीं आया उन्होंने कहा कि भीड़-भाड़ क्षेत्र में गैस स्लेंडरो को स्टोरेज करके रखा गया था जिसके लिए उन्होंने जांच के आदेश दिए है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना में आग पर तुरंत काबू पाया जा सके इसके लिए सुचारु कदम उठाए जाएंगे। जिला में कितने भवन अग्निशमन विभाग के नियमों की पालना कर रहे व कितने नहीं इसका जवाब प्रशासन को देना होगा, यदि नहीं कर रहे तो प्रशासन क्यों आंखें मूंद कर सोया है।