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बेटियां ही नहीं, एक बेटा 22वां जन्मदिन मनाने से पहले बना सरपंच…हिमाचल में दूसरा स्थान

January 19, 2021 by MBM News Network Leave a Comment

रामपुर बुशहर, मीनाक्षी भारद्वाज : हिमाचल में सबसे युवा पंचायत प्रधान कौन बनेगा, इसको लेकर काफी करीबी मुकाबला चल रहा है। हालांकि इस समय मंडी जनपद से संबंध रखने वाली खीरामणी ही सबसे आगे चल रही है। 19 साल की उम्र में परिणय सूत्र में बंध चुकी खीरामणी 21 साल 10 महीने की उम्र में सरपंच बनी है। अब तक युवतियों के साथ-साथ एक महिला इस दौड़ में शामिल थी। बेटियां ही नहीं, एक बेटा 22वां जन्मदिन मनाने से पहले बना सरपंच...हिमाचल में दूसरा स्थान

        इसी बीच रामपुर उपमंडल की फांचा पंचायत से 28 जनवरी 1999 को जन्में ललित के भी सरपंच बनने की खबर आई है। उम्र में करीब डेढ़ महीने के फासले से ललित को अब तक का सबसे युवा सरपंच बनने से चूकना पड़ा है। बता दें कि विवाहित खीरामणी 12 मार्च 1999 को जन्मीं हैं, जबकि ललित की जन्मतिथि 28 जनवरी 1999 है। 22 साल के होने से करीब 10 दिन पहले ललित प्रधान बने हैं। ये माना जा सकता है कि इस समय ललित प्रदेश में दूसरे सबसे युवा सरपंच हैं। रामपुर काॅलेज से बी.काॅम की पढ़ाई कर चुके प्रधान ललित ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि प्रधान पद का दायित्व निभाने के साथ-साथ आगे की पढ़ाई भी जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि पिता निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं, जबकि मां गृहणी है।

जानिए, उम्र में चंद महीनों के फासले से कौन है हिमाचल में सबसे युवा सरपंच 

      आपको बता दें कि 21 साल 11 महीने के ललित ने चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की है। ललित को 380 वोट हासिल हुए, जबकि निकटतम प्रत्याशी 150 वोट पर ही सिमटना पड़ा। उन्होंने कहा कि पंचायत के विकास को लेकर कई सपनें हैं। हर हालत में इन सपनों को साकार करने की कोशिश करेंगे। दीगर है कि रामपुर खंड के दुर्गम क्षेत्र 15/20 की फांचा पंचायत रिमोट इलाकों में शुमार है। इलाके में पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं, लेकिन इनका दोहन नहीं हुआ है। इसके अलावा मूलभूत सुविधाओं की भी दरकार है। लिहाजा, एक युवा ने पंचायत में छोटी सी उम्र में बड़ी जिम्मेदारी को उठाया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि वो अपने प्रयास में सफल हों।

Filed Under: मुख्य समाचार, युवा, शिमला, हिमाचल प्रदेश Tagged With: Shimla News



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