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DU से ग्रेजुएट रोहडू की उच्च शिक्षित बेटी 22 साल की उम्र में बनी सरपंच, देश की सबसे युवा…

January 18, 2021 by MBM News Network Leave a Comment

शिमला, 18 जनवरी : रोहड़ू उपमंडल में एक युवा लड़की ने ग्राम प्रधानी पद का चुनाव जीतकर युवाओं के लिए एक मिसाल पेश की है। महज 22 साल ( 21 नवम्बर 1998) की उम्र की अवंतिका ने लोअर कोटी  से प्रधान पद चुनाव में जीत हासिल की है।

    ग्रामीण विकास में एमए कर रही अवंतिका दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम ग्रेजुएट है। वह अपनी ग्राम पंचायत को  विकास की बुलंदियों तक पहुंचाना चाहती हैं। पंचायत के प्रत्येक गांव का गुणात्मक विकास करना, रोजोन्मुखी कार्यक्रम चलाना और सुपात्रों तक सरकारी योजनाओं का सही से लाभ पहुंचाना अवंतिका का मिशन है।DU से ग्रेजुएट रोहडू की उच्च शिक्षित बेटी 22 साल की उम्र में बनी सरपंच, देश की सबसे युवा...

    अवंतिका बचपन से ही पढ़ाई में होनहार व अव्वल रही है। उन्होंने वर्ष 2016 में सीबीएसई से प्लस  (कामर्स) की परीक्षा 94.2 प्रतिशत अंकों के साथ पास की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध लक्ष्मीबाई कॉलेज में ग्रेजुएशन के लिए प्रवेश लिया और 2019 में बीकॉम की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी में उतीर्ण की। वर्तमान में वह इग्नो से ग्रामीण विकास में पीजी कर रही है।

     अवंतिका का मन गरीबों की सेवा करने का है। समाज के लिए कुछ करने का जज्बा रखने वाली अवंतिका ने महज 22 साल की उम्र में पंचायत के प्रधानी का चुनाव लड़ा और जीत भी गईं। अवंतिका की छवि को गांव के काफी लोग पंसद करते है। यही वजह है कि प्रधानी के चुनाव में अवंतिका को गांव वालों ने विजय बनाया है। अवंतिका का सपना गांव का विकास करना है, जिससे लोअरकोटि की पहचान पूरे हिमाचल के मानचित्र पर कायम हो सके।

अवंतिका कहती है कि हमेशा से ही ग्रामीण विकास और सार्वजनिक सेवा की ओर झुकाव रहा है तथा वह अपनी ग्राम पँचायत में गुणात्मक विकास को तवज़्ज़ो देगी। ग्रामीणों के लिए रोजान्मुख कार्यक्रम चलाए जाएंगे। सरकारी स्कीमों का उन्हें लाभ पहुंचाया जाएगा।

उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में अवंतिका चौहान ने कहा कि वह अपनी पढ़ाई के दौरान भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय रही है। इस दौरान दिव्यांगों के साथ भी कार्य करने का मौका मिला। उनका कहना था कि वह ग्रामीण विकास में पढ़ाई कर रही हैं, लिहाजा अब मौका मिला है कि वह थ्योरी की पढ़ाई को धरातल पर व्यवहारिक करें। ऐसा मौका बेहद ही कम लोगों को मिलता है।   

 ये भी जाने
2015 के पंचायती राज चुनाव में मंडी जिला से ताल्लुक रखने वाली युवती  जबना चौहान को देश में सबसे युवा सरपंच बनने का गौरव हासिल हुआ था। इस बार अवंतिका के साथ बिलासपुर की भी एक युवती के 22 साल की उम्र में पंचायत प्रधान बनने के जानकारी आ रही है। यह भी दिगर है कि 2015 के चुनाव में देश को सबसे युवा बीडीसी चेयरपर्सन के तौर पर कोटखाई से प्रज्ज्वल बस्टा मिली थी। कम उम्र में प्रज्वल ने भी सराहनीय मुकाम हासिल किया है। इस बार जबना व प्रज्ज्वल ने चुनाव नहीं लड़ा है।

      लिहाजा नजरें इस बार भी टिकी हुई हैं कि क्या इस बार भी हिमाचल को देश में सबसे युवा सरपंच देने का गौरव मिलेगा या नहीं। अगर गौर किया जाए तो कमाल की बात यह भी है कि 22 साल की अवंतिका ग्रामीण विकास में ही आगे की पढ़ाई कर रही है। यह भी काफी दुर्लभ ही हो सकता है कि जब पंचायत प्रधान की शिक्षा भी ग्रामीण विकास की पृष्ठभूमि से जुड़े हो यानी वह पढ़ाई को व्यवहारिक तौर पर धरातल पर उतार सकती है।

Filed Under: मुख्य समाचार, युवा, शिमला, हिमाचल प्रदेश Tagged With: Himachal News In Hindi, Shimla News



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