मंडी, 16 जनवरी : पंचायत चुनावों के चलते जिला के तहत आने वाला जिला परिषद (District Development Council) का थौना वार्ड हॉट सीट बन गया है। हॉट सीट इसलिए बना है क्योंकि यहां से भाजपा ने अपना कोई प्रत्याशी तय नहीं किया है। यहां के चुनावी दंगल के कारण पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और सरकाघाट के मौजूदा विधायक कर्नल इंद्र सिंह के समर्थकों में ठन गई है। प्रेम कुमार धूमल के चचेरे भाई पृथ्वी राज धूमल यहां से जिला परिषद का चुनाव लड़ रहे हैं। पृथ्वी राज धूमल राज्य सरकार के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के समधि भी हैं।
यही कारण है कि महेंद्र सिंह ठाकुर और उनके बेटे रजत ठाकुर भी पृथ्वी राज धूमल की जीत के लिए चुनावी दंगल में कूद गए हैं। वहीं दूसरी तरफ चंद्र मोहन शर्मा अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चंद्र मोहन शर्मा को सीएम जयराम ठाकुर का करीबी माना जाता है। इनके प्रचार में खुद विधायक कर्नल इंद्र सिंह जा रहे हैं जोकि धूमल के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में मुकाबला रोचक हो गया है। पृथ्वी राज धूमल ने खुले मंच से कर्नल इंद्र सिंह को बिकाऊ कहना शुरू कर दिया है। पृथ्वी राज धूमल का कहना है कि जिसके प्रचार में कर्नल इंद्र सिंह जा रहे हैं वह कभी कांग्रेस के साथ चला और आज खुद को भाजपा का बता रहा है। इनका अप्रत्यक्ष रूप से यह आरोप है कि कर्नल इंद्र सिंह प्रत्याशी की पैसों की खनक के आगे अपना ईमान बेच बैठे हैं।
वहीं इनके दामाद एवं जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर ने भी दूसरे प्रत्याशी को लेकर जमकर अपना गुबार निकालना शुरू कर दिया है। रजत ठाकुर का कहना है कि वो यहां प्रचार के लिए तब आए जब यहां दूसरे प्रत्याशी को भाजपा का बता कर प्रचार शुरू किया गया, जबकि भाजपा ने यहां से किसी को अपना प्रत्याशी घोषित ही नहीं किया है।
दूसरी तरफ सरकाघाट से भाजपा विधायक कर्नल इंद्र सिंह चंद्रमोहन शर्मा की सभाओं में जाकर जमकर उनके लिए प्रचार कर रहे हैं और वोट मांग रहे हैं। कर्नल इंद्र सिंह का कहना है कि चंद्र मोहन शर्मा से बेहतर कोई और प्रत्याशी इस वार्ड से नहीं हो सकता।
बता दें कि कर्नल इंद्र सिंह धूमल के करीबी माने जाते हैं, लेकिन मौजूदा समय में उन्होंने यहां से धूमल के समर्थकों को भारी निराश किया है। ऐसे में धूमल समर्थकों ने एक तरफ होते हुए पृथ्वी राज धूमल का साथ देने का ऐलान कर दिया है। जिस कारण धूमल गुट का पलड़ा थोड़ा भारी नजर आ रहा है। लेकिन यह चुनाव है और मतदाताओं ने ही अपने भावी प्रतिनिधियों का चयन करना है। परंतु यह तय है कि इन चुनावों के बाद कई नेताओं के नजदीकियां दूरियों में बदलने वाली है और कईयों की दूरियां मिटने वाली हैं।