बीबीएन (रणेश राणा): बीबीएन में हो रहे पंचायत चुनाव में कलम के सिपाही भी कूद गए हैं और कई सीटों पर उन्होने राजनीति खिलाडियों को पसीना छुडा दिया है। दून व नालागढ़ की कई सीटों पर इलैक्ट्रानिक्स, प्रिंट व सोशल मीडीया से जुडे पत्रकार भागय आजमा रहे हैं। अधिकांश कलम के सिपाही किसी दल के टिकट पर न आकर अंदरखाते ही पार्टियों का समर्थन जुटा रहे हैं और निर्दलीय ही चलने में भलाई समझ रहे हैं।
पत्रकारों को सियासत कितनी रास आती है यह तो समय बताएगा लेकिन वह जनमसमर्थन का दावा कर मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं। जहां पर सीटें रिजर्व हैं वह पर खबरनवीस अपने रिश्तेदारों के नाम पर दाव खेल रहे हैं। ग्राम पंचायत किशनपुरा में पत्रकार योगराज भाटिया ने ताल ठोक दी है और वह यहां से पहले भी प्रधान रह चुके हैं। वह अपनी स्वच्छ छवि व पुरानी कार्यप्रणाली को आधार बनाकर मैदान में डटे हैं। सबसे चर्चित ग्राम पंचायत मलपुर एसटी रिजर्व से पत्रकार पोलाराम चौधरी चुनावी चौसर में उतरे हैं। वह ईमानदारी से काम करने व विकास कराने का प्रण लेकर पंचायत प्रधान की कुर्सी के लिए वोट मांग रहे हैं।
खेडा जिप वार्ड से टीवी चैनल के पत्रकार नंदलाल ठाकुर मैदान में जमे हैं। वह आम आदमी की आवाज को बुलंद करने व व्यवस्था परिवर्तन का मुद्दा प्रमुखता से उठा रहे हैं। मंझौली नालागढ़ जिप वार्ड से युवा पत्रकार विजय राजपूत व पूर्व में मीडिया जगत से जुडे रहे वर्तमान पंचायत ढांग निहली जगदीश सैणी उतरे हैं। पत्रकार संजीव कौशल की रिश्तेदार रवि किरण कौशल महिला रिजर्व वार्ड नंबर दो नगर परिषद बददी से राजनीति में कूदी है जिनका पूरा प्रबंधन संजीव के हाथों में है। वार्ड नंबर दो के ही एक पत्रकार का भाई सोनी कुमार बददी में हिंद मजदूर सभा के टिकट पर स्थानीय निकाय चुनाव में डट गया है।
पत्रकार शिव डबरैही अपनी गृह पंचायत दरकाली से चुनावी समर में कूदे हैं। पूर्व के चुनावों में भी मीडीया जगत के कई लोग चुनाव में कूदते रहे हैं जिनको ज्यादा सफलता नहीं मिली। तीन पत्रकारों योगराज भाटिया, बलबीर ठाकुर व जगदीश सैणी ने पत्रकारिता के साथ साथ राजनीति पारी में कामयाबी पाई है। इसमें से दो फिर से किस्मत आजमा रहे हैं जबकि बलबीर ठाकुर की गृह पंचायत रिजर्व हो जाने के कारण वह चुनाव नहीं लड पा रहे हैं।
कई सीटों पर कलम के सिपाहियों ने परंपरागत राजनेताओं के गढ़ को भी हिला दिया है जबकि कई सीटों पर कुछ पत्रकार अति उत्साहित होकर ही सियासत में किस्मत आजमा रहे हैं। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कितने पत्रकार मुकेश अग्रिहोत्री की तर्ज पर राजनीति मेंं सफल होते हैं बहरहाल दून व नालागढ़ विस चुनाव में कलम के साथ-साथ सियासत पर भी अपनी नई ईबारत लिखने को बेकरार है। अब यह मतदाताओं पर निर्भर है कि वह किसको गले लगाते हैं और किसको दरकिनार करते हैं। कारी।