चौपाल, 31 दिसम्बर : प्रदेश में पंचायत चुनावों के दौरान जहां भाई-भाई व पत्नी-पत्नी एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने के मामले सामने आ रहे हैं तो वहीं प्रदेश की ही नौरा-बौरा पंचायत के बुद्धिजीवी लोगों देश के लिए मिसाल कायम की है। यहां पंचायत का चुनाव तीसरी बार निर्विरोध ही कर दिया गया है। खास बात यह है कि इसमें बीडीसी सदस्य भी शामिल है, जिसे निर्विरोध चुन लिया गया है।
नौरा बौरा क्षेत्र से सम्बन्ध रखने वाले युवा समाजसेवी लक्की चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि नौरा बौरा पंचायत वर्ष 2005 में ग्राम पंचायत कुलग से अलग हो कर अस्तित्व में आई थी। नई पंचायत के गठन के बाद नौरा बौरा पंचायत में केवल एक बार पंचायत चुनाव हुए है।
इनमें पहले दो कार्यकाल के लिए पंचायत अनारक्षित रही, जबकि तीसरे कार्यकाल के लिए अनुसूचित जाति एवं चौथी मर्तबा अर्थात इस बार यह महिला के लिए आरक्षित हुई है। वर्ष 2005 में पहली बार हुए पंचायती चुनावों में जीत दर्ज कर नारायण सिंह इस पंचायत के प्रथम प्रधान बने थे। इसके बाद 2010 में प्रधान पद पर आसीन हुए जय सिंह पटियाल सहित पूरी पंचायत का पैनल निर्विरोध चुना गया था। 2015 में इस पंचायत में प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया था तो उस दौरान भी पंचायत प्रत्याक्षियों का निर्विरोध चयन किया गया था। जिसमें पंचायत के लोगों ने आपसी सहमति बना कर पंचायत के पूरे पैनल का निर्विरोध चयन किया एवं यशपाल पंचायत के प्रधान चुना।
इस वर्ष पंचायत के होने वाले चौथे चुनाव में पंचायत में प्रधान पद सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया है। पंचायत के लोगों ने एक बार फिर आपसी सहमति बना कर पंचायत का पैनल निर्विरोध चुन कर एक नया इतिहास रच डाला है। इस बार सविता देवी (सैलपाब) के सिर पर प्रधान पद का ताज सजा है, जबकि राजेश कुमार (नौरा) को उप प्रधान, ऊमा देवी (बौरा) को बीडीसी सदस्य चुना गया है। वार्ड नंबर एक नौरा से बबली देवी, वार्ड नं.-2 बौरा-एक से अंजना देवी, वार्ड नं. 3 बौरा-दो से कुलवंत सिंह, पंचभैय्या वार्ड नं.4 से रण सिंह तथा सैलपाब वार्ड नं. 5 से विद्या देवी को वार्ड सदस्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।