मंडी, 27 दिसंबर : 2016 के पंचायत चुनावों में मात्र 22 वर्ष की आयु में जीत हासिल करके देश की सबसे युवा सरपंच का खिताब अपने नाम करने वाली जबना चौहान इस बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी। जबना चौहान ने ओरिएंटल फाउंडेशन के नाम से एनजीओ बनाई है। इसी एनजीओ के माध्यम से जन सेवा करने का निर्णय लिया है।
दीगर है कि ग्राम पंचायत थरजून में प्रधान पद इस बार भी महिला आरक्षित है। लेकिन जबना चौहान ने पंचायत चुनावों से पूरी तरह से किनारा कर लिया है। बता दें कि जबना चौहान,सराज क्षेत्र के तहत आने वाली थरजून पंचायत के केलोधार गांव की रहने वाली है। 2016 में जबना चौहान थरजून पंचायत से बतौर पंचायत प्रधान चुनकर आई थी। उस वक्त जबना की आयु मात्र 22 वर्ष की थी और वह देश की सबसे कम उम्र की महिला सरपंच के रूप में जानी गई। जबना चौहान ने इस बार पंचायत चुनाव न लड़ने की पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि वह एनजीओ के माध्यम से जनसेवा करना चाहती हैं। जबना के अनुसार उन्होंने अपनी पंचायत थरजून में स्वच्छता और नशाबंदी के प्रति लोगों को जागरूक करने के जो प्रयास किए उसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है। पंचायत में कई अहम विभागों के कार्यालय खुलवाएं और मनरेगा सहित अन्य प्रकार के माध्यम से फंड लाकर पंचायत के विकास को एक नई दिशा देने का प्रयास किया।
जबना के अनुसार उन्हें सबसे युवा सरपंच के नाते देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों में जाकर अपनी बात रखने का मौका मिला,जो गर्व की बात है।