शिमला, 28 दिसंबर : श्रमिक संगठन सीटू ने किसान आंदोलन की तर्ज़ पर मजदूर आंदोलन करने का ऐलान किया है। इसके तहत सीटू 30 दिसंबर को कार्य स्थलों पर प्रदेशव्यापी प्रदर्शन और 7 व 8 जनवरी को चक्का जाम व जेल भरो आंदोलन के तहत गिरफ्तारियां दी जाएंगीं। सीटू की हिमाचल प्रदेश कमेटी की रविवार को आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि सीटू के अखिल भारतीय आह्वान पर मजदूरों के मुद्दों पर आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 30 दिसंबर को प्रदेशभर में फैक्ट्री, उद्योग, एसटीपी, होटल, रे हड़ी फड़ी, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, ट्रांसपोर्ट, हाइडल प्रोजेकटों, स्वास्थ्य, बिजली, नि र्माण, मनरेगा आदि से संबंधित सैंकड़ों कार्य स्थलों पर ज़ोरदार प्रदर्शन किए जाएंगे। इसी कड़ी में आंदोलन को तेज करते हुए 7-8 जनवरी 2020 को ब्लॉक व जिला मुख्यालयों पर जेल भरो, चक्का जाम व गिरफ्तारियां दी जाएंगी। आंदोलन के अगले पड़ाव में 24 से 31 जनवरी तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में जत्थे चला कर केंद्र व राज्य सरकार की मजदूर व किसान विरोधी नीतियों का पर्दाफ़ाश किया जाएगा। इस दौरान शिमला, कुल्लू व हमीरपुर से विभिन्न जिलों के लिए तीन जत्थे चलाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के पहले चरण का समापन विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा पर मजदूरों के विराट प्रदर्शन के रूप में होगा जिसमें हजारों मजदूर विधानसभा पर हल्ला बोलेंगे व सरकार को मजदूर मांगों को मानने के लिए मजबूर किया जाएगा।
श्रम कानूनों को खत्म कर बनाई गईं मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं, न्यूनतम वेतन 21 हज़ार रुपये घोषित करने, आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा वर्करज़ को सरकारी कर्मचारी घोषित करने व हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन देने, फिक्स टर्म, ठेका, पार्ट टाइम, टेम्परेरी व कॉन्ट्रैक्ट रोज़गार पर अंकुश लगाने, नई पेंशन नीति के बदले ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने, मनरेगा में दो सौ दिन का रोज़गार देने, आउट सोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने, आठ के बजाए बारह घंटे डयूटी करने के खिलाफ, कोरोना काल में हुई करोड़ों मजदूरों की छंटनी, भारी बेरोजगारी, हर आयकर मुक्त परिवार को 7500 रुपये की आर्थिक मदद, हर व्यक्ति को दस किलो राशन की सुविधा, मजदूरों के वेतन में कटौती, ईपीएफ व ईएसआई की राशि में कटौती, किसान विरोधी तीन क़ानूनों व बिजली विधेयक 2020 के खिलाफ सीटू मजदूरों को लामबंद कर आंदोलन करेगी।