हमीरपुर, 19 दिसंबर : एचआरटीसी के हमीरपुर डिपो के 127 बस रूट बंद चल रहे हैं। ग्रामीण रूटों पर चुनिंदा बसें ही चलाई जा रहीं हैं। इससे दूरदराज गांवों के मुसाफिरों को काफी परेशानी हो रही हैं। यही हाल निजी बसों का भी है। जिले में 364 के करीब निजी बसें हैं। वर्तमान में 50 फीसदी ही रूटों पर चल रही हैं। एचआरटीसी हमीरपुर को दिल्ली रूट पर बसें बंद होने के कारण रोजाना लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसान आंदोलन के कारण हमीरपुर से दिल्ली बस सेवा 23 दिनों से बंद पड़ी है। अभी तक महज दिल्ली रूट पर बस सेवा बंद होने के कारण ही एचआरटीसी को 39 लाख रुपये से भी अधिक नुकसान हो चुका है। एचआरटीसी हमीरपुर ने लॉकडाउन के बाद हमीरपुर से दिल्ली तीन बसें चलाईं थी। जिसमें एक बस को हमीरपुर से दिल्ली के रूट में औसतन 50 हजार रुपये आय प्राप्त होती थी। लॉकडाउन से पहले दिल्ली रूट पर कुल 17 बसें भेजी जाती थीं। लेकिन, लॉकडाउन के बाद महज 3 बसें चलाईं गई थीं। लोग टैक्सियां करके भारी भरकम पैसे देकर दिल्ली जाने को मजबूर हैं। लॉकडाउन से पहले करीब 180 लोकल रूट चलते थे।
वर्तमान में महज 53 रूटों पर बसें चलाईं जा रही हैं। लोकल रूटों पर सवारियां न मिलने के कारण तेल का खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है। जिन रूटों पर दिन में तीन या चार बसें भेजी जाती थीं, उन रूटों पर महज एक-एक बस भेजी जा रही है। इस घाटे से कर्मचारियों का वेतन भी समय पर नहीं हो पा रहा है। इस माह भी अभी तक कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। इधर, एचआरटीसी के आरएम विवेक लखनपाल ने कहा कि दिल्ली रूट पर बसें 23 दिनों से बंद पड़ी हैं। जिससे काफी नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन के बाद दिल्ली के लिए ३ बसें चलाई गईं थीं लेकिन, किसान आंदोलन के कारण बस सेवा बंद करनी पड़ी।