नाहन (एमबीएम न्यूज): लाखों श्रद्धालुओं की आस्था प्रतीक ‘‘चूड़धार चोटी’’ पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारी बर्फबारी के बावजूद भगवान शिरगुल जी महाराज के प्राचीन मंदिर में सुबह-शाम नियमित पूजा-अर्चना होगी। इसके लिए व्यवस्थाएं हो चुकी हैं। गत वर्ष चोटी पर 22 फुट बर्फ गिरी थी। इस साल चोटी पर ब्रह्मचारी स्वामी विरेंद्रानंद जी पूजा-अर्चना करेंगे। हाल ही में शिरगुल देवता के भाई विजट देवता करीब सवा तीन सौ साल बाद सिरमौर के ट्रांसगिरि क्षेत्र में पहुंचे थे।
इसी सिलसिले में स्वामी विरेंद्रानंद जी भी सतौन व विकासनगर पहुंचे। इस दौरान एमबीएम न्यूज नेटवर्क से लंबी बातचीत में स्वामी विरेंद्रानंद जी ने बताया कि चोटी पर अब तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। अलबत्ता बर्फ पडऩे की सूरत में आश्रम से मंदिर तक पहुंचने के लिए सुरंग का निर्माण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आश्रम के ऊपरी हिस्से में भी एक हॉल का निर्माण कर लिया गया है। इस हॉल के कुछ हिस्से से ऑक्सीजन व रोशनी मिल जाती है।
दरअसल 20 फुट से अधिक बर्फ पडऩे के कारण आश्रम पूरी तरह से बर्फ की जद में आ जाता है। इस स्थिति में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। उन्होंने बताया कि बर्फ पडऩे के दौरान अध्यात्म व योग ही विकल्प बचते हैं। उनका कहना है कि यही योग व अध्यात्म का सबसे बेहतरीन समय होता है क्योंकि इस समय कोई भी व्यक्ति चोटी पर नहीं पहुंचता है।