राजगढ़, 15 दिसंबर : देवठी मंझगांव स्थित रूद्र महादेव के प्रादुर्भाव पर रचित गाथा ने इन दिनों समूचे रासूमांदर क्षेत्र में धूम मचा रखी है । उभरती कलाकार वंदना सरैक ने इस गाथा में स्वर दिए है , जिसकी चहुं ओर प्रशंसा हो रही है।
वंदना सरैक एटरनलविश्वविद्यालय बड़ू साहिब(Eternal University Baru Sahib) से संगीत विषय में पीएचडी कर रही है। गाथा की रचना साहित्य जगत के प्रकांड विद्वान व साहित्यकार विद्यानंद सरैक नेे तैयार की है, जिसे प्रबोधनी एकादशी के दौरान वंदना सरैक ने स्वर दिए है।
वंदना सरैक द्वारा इससे पहले भी रितेश परगना की आराध्या देवी टयाली के प्रादुर्भाव पर विद्यानंद सरैक द्वारा लिखित गाथा को स्वरों में पिरोया गया है। गौर रहे कि स्वर कोकिला वंदना सरैक को संगीत की शिक्षा अपने घर से घुटटी में मिली है। इनकी आवाज विश्व प्रसिद्ध प्लेबेक सिंगर लता मंगेश्कर से हू-ब-हू मिलती जुलती है। कहतें हैं कि संगीत व शक्ति है कि जिससे दिल को सुकून मिलने के अलावा मनुष्य आध्यात्मिक व संवेदनशील बन जाता है।
बचपन (Childhood) से ही वंदना सरैक को संगीत व खेल में काफी रूचि थी। शिक्षा ग्रहण के दौरान इनके द्वारा राष्ट्रीय स्तर की अनेक संगीत व खेल प्रतियोगिता(Sports tournament) में भाग लेकर प्रदेश व अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है। वदंना ने आरंभिक शिक्षा अपने पैतृक गांव देवठी मंझगांव से हासिल की। तदोपरांत संगीत (Music) सहित अन्य विषय में स्नातक की उपाधि डिग्री कॉलेज सोलन से उतीर्ण की। इनके द्वारा संगीत में स्नातकोत्तर की डिग्री हिप्र विश्व विद्यालय से हासिल की गई।
वंदना सरैक ने एक साक्षात्कार (Interview) में बताया कि वह संगीत अब उनके जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है तथा बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगर(Play Back Singer) बनना सपना है, ताकि वह अपने दादा विद्यानंद सरैक की इच्छाओं को पूरा कर सकूं, क्योंकि उनकी प्रेरणा से ही उन्होने संगीत विषय चुना है। इनका कहना है प्रदेश के प्रसिद्ध संगीतकार डॉ कृष्णलाल सहगल और डॉ राम स्वरूप शांडिल को संगीत में अपना आदर्श मानती है।
गौर रहे कि वंदना ने शिमला में कुछ वर्षों पहले आयोजित हिमाचल ऑयडल प्रतियोगिता में भी भाग लेकर संगीत के क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया था। वंदना के पिता रमेश सरैक शिक्षा विभाग में सहायक जिला खेल अधिकारी(Sports officer) के पद पर कार्यरत रहे हैं। वंदना सरैक का कहना है कि वह अभी स्टेज शो देना पसंद नहीं करती है। उनका उद्देश्य संगीत कला में पीएचडी करना है, ताकि वह अपने मुकाम को हासिल किया जा सके।