नाहन (एमबीएम न्यूज): ऋण में डूबी करोडों रुपए की राशि को वसूलने के मकसद से राज्य सहकारी बैंक ने योजना तैयार की है। इसमें डिफाल्टर्स के खाते एकमुश्त (ओटीएस) सैंटल किए जाएंगे। इसके लिए 31 दिसंबर तक आवेदन मांगे गए हैं। बैंक के प्रबंध निदेशक गोपाल शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 7 से 8 करोड़ रुपए की राशि को रिकवर करने का लक्ष्य रखा गया है।
बैंक में सहायक लिपिक के पदों पर नियुक्तियों के आवेदन पत्र खारिज होने के बारे में पूछे गए सवाल पर शर्मा ने कहा कि नियुक्तियों की जिम्मेदारी बोर्ड को दी गई है। उन्होंने कहा कि जहां तक आवेदन पत्र ऑनलाइन फीस के कारण रद्द होने की बात है, तो इसमें बैंक की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंंक की शाखाओं से आवेदकों के ऑनलाइन फीस जमा करवाने में 100 प्रतिशत सफलता है। एमडी ने कहा कि इसमें अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपए की है। साथ ही स्पष्ट किया कि 2011 तक के मामलों को ही इसमें शामिल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों की तर्ज पर आरटीजीएस, डेबिट कार्ड व मोबाइल बैंकिंग की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। उन्होंने ग्राहकों से मोबाइल बैंकिंग का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने का आग्रह भी किया। बैंक की 6 जिलों में 194 शाखाएं है। जबकि 24 विस्तार काउंटर है। उन्होंने कहा कि जहां तक एनपीए का सवाल है तो बैंक को औसत 6.7 के आसपास है, जो राष्ट्रीय स्तर की तुलना में काफी बेहतर है।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि बैंक का कारोबार 12 हजार करोड़ का आंकड़ा छू रहा है। इसमें से 7600 करोड़ के डिपोजिट है। एमडी के मुताबिक 1700 कर्मचारियों को लाभांश प्रदान करने के बाद बैंक को 59 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ है। इससे पूर्व प्रबंध निदेशक ने बैंक की सिरमौर में कार्याे की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि सिरमौर में एनपीए का आंकड़ा 19 प्रतिशत के आसपास है।