शिमला, 27 नवम्बर : कोरोना के कहर के बीच धर्मशाला में दिसम्बर माह में प्रस्तावित हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर अंतिम फैसला प्रदेश कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने फिलहाल सत्र को स्थगित करने की संभावना से इंकार किया है और इसे धर्मशाला में ही आयोजित करने के संकेत दिए हैं। सत्र का आयोजन 7 से 11 दिसम्बर तक धर्मशाला के तपोवन में होगा। इसे लेकर राज्यपाल की तरफ से अधिसूचना जारी की जा चुकी है। हालांकि पिछले दिनों राज्य में कोरोना के बेतहाशा मामले बढ़ने के बाद कुछ विधायकों ने सत्र को स्थगित करने या इसे राजधानी शिमला में करवाने की मांग उठाई।
उधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विस सत्र को धर्मशाला में ही आयोजित करने की बात कही है। जयराम ठाकुर ने आज शिमला में कहा कि सत्र आयोजित करने को लेकर सरकार पहले ही निर्णय ले चुकी है। अब सत्र के आयोजन को लेकर कैबिनेट की आगामी बैठक में इस पर औपचारिक मोहर लगेगी। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के तमाम विधायक शीतकालीन सत्र को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। इसी कारण सभी पक्षों की राय लेने के लिए सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया था।
मुकेश अग्रिहोत्री ने सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सत्र को लेकर राज्यपाल की तरफ से अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है और अब तक विधायक 400 प्रश्न पूछ चुके हैं। ऐसे में सत्र को टालना सही नहीं है। सर्वदलीय बैठक में मौजूद माकपा विधायक राकेश सिंघा ने पत्रकारों को बताया कि कोरोना के मामलों को देखते हुये धर्मशाला की बजाए शिमला में आयोजित करना बेहतर विकल्प है।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में चर्चा के बाद निकले निष्कर्ष से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया करवाकर मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।