नाहन, 25 नवंबर : हाईवे पर बेसहारा घूमने वाले एक अज्ञात शख्स के लिए सिरमौर पुलिस के जवान अतुल शर्मा ने एक तिमारदार की भूमिका निभाई। हालांकि अतुल नेकी कर दरिया में डाल वाली कहावत, को लेकर कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं। मगर ये बात सामने आई है कि पुलिस कांस्टेबल ने व्यक्ति का अटेंडेंट बनकर सोमवार की रात एक गाड़ी में ही बिताई, क्योंकि एमरजेंसी में उसकी आवश्यकता हो सकती थी। लेकिन सोमवार रात से मंगलवार शाम तक उसके सेवाभाव को देखने वालों ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से पूरी बात साझा की है।
यह मामला, सोमवार रात से शुरू होता है। पांवटा साहिब क्षेत्र के एक समाजसेवी पंकज वोहरा द्वारा हाईवे से एक व्यक्ति को रेस्क्यू किया जाता है। वो उसे लेकर पांवटा अस्पताल पहुंचता है, जहां व्यक्ति को मानसिक रोगी बताने के बाद नाहन मेडिकल काॅलेज रैफर कर दिया गया। नाहन तक पंकज भी पहुंचता है। लेकिन रात को वापस लौटना पड़ता है तो अटेंडेंट न होने की वजह से पुलिस कांस्टेबल को ही सेवा में जुटना पड़ा। इसके लिए कांस्टेबल अतुल शर्मा ने अपनी पाॅकेट से दवाओं को खरीदने में भी कोई परवाह नहीं की। मंगलवार शाम वापस लौटा, क्योंकि समाजसेवी राम सिंह के साथ मिल कर मेडिकल काॅलेज में अज्ञात शख्स के तमाम टैस्ट करवा लिए गए थे। इस दौरान जूते व अन्य सामान भी उस शख्स को उपलब्ध करवा दिया गया।
चिकित्सकों द्वारा व्यक्ति का वीडियो विशेषज्ञों को भेजा गया, जहां से इस बात की भी पुष्टि हुई कि दाखिल व्यक्ति मानसिक रोगी नहीं है। अंतिम समाचार के मुताबिक व्यक्ति अस्पताल में ही स्वास्थ्य में सुधार कर रहा है। साथ ही पुलिस व्यक्ति के परिवार को तलाशने में भी जुट गई है। पुलिस कर्मी की सेवा भावना से प्रभावित लोगों ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को तस्वीरें भी भेजी हैं। उधर, पवन बोहरा का कहना है कि अगर तुरंत रेस्क्यू नहीं किया जाता तो उसकी मौत भी हो सकती थी।
कुल मिलाकर इस मामले में सबसे अधिक सराहनीय भूमिका पुलिस कांस्टेबल की रही है, जिसने सोमवार की सर्द रात एक गाड़ी में सोकर बिताई। इस दौरान डयूटी पर तैनात कर्मियों को अपना फोन नंबर अटेंडेंट के तौर पर मुहैया करवाया था।