हमीरपुर, 25 नवंबर : दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में हमीरपुर में स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के दिवंगत प्रोफेसर डॉ जेएन शर्मा के शोध कार्यों को अमेरिका में सराहा गया है। अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से जारी की गई वैज्ञानिकों की सूची में डॉक्टर जेएन शर्मा का नाम देश भर में 19वें स्थान पर है। भारत से कुल 1490 वैज्ञानिकों को चुना गया है जबकि दुनियाभर में यह आंकड़ा 92647 है। डॉक्टर जेएन शर्मा के शोध कार्यों को दुनिया में इस तरह का मुकाम मिलना हिमाचल समेत एनआईटी के लिये गौरव की बात है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर में गणित के प्रोफेसर रहे डॉ जैन शर्मा ने वर्ष 1985 से लेकर 2015 तक यहां सेवाएं दी हैं। संस्थान के संस्थापक सदस्यों में शुमार रहे डॉ जेएन शर्मा के शोध पत्र कई वैज्ञानिकों के काम आए हैं, यही वजह है कि अमेरिका की स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ने उनके कार्य को सराहा है। डॉक्टर जे एन शर्मा ने अपने अध्यापन कार्य के दौरान करीब 30 से अधिक विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री भी करवाई है। गणित विषय में माहिर रहे डॉक्टर जेएन शर्मा ने हैदराबाद , दिल्ली और पंजाब के बड़े इंजीनिरिंग कॉलेज में भी सेवाएं दी हैं।
गलोड़ क्षेत्र में खुशी की लहर
हमीरपुर जिले के गलोड़ कस्बे के साथ छोटे से गांव सुकराला के रहने वाले रहने वाले डॉक्टर जेएन शर्मा का बचपन बड़ा गरीबी में बीता है। जन्म देने के तीन दिन बाद ही उनकी मां का देहांत हो गया था। पिता भी दिहाड़ी मजदूरी लगाकर ही परिवार का पालन पोषण करते थे। चूंकि पिता दिहाड़ी लगाते थे लिहाज़ा पड़ोसियों रिश्तेदारों ने उनका पालन पोषण किया। डॉक्टर जेएन शर्मा ने आठवीं की पढ़ाई के बाद ही पिता के साथ हाथ बंटाना शुरू कर दिया था। दिहाड़ी मजदूरी के साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई का क्रम जारी रखा। इस तरह मेहनत के बल पर ही उन्होंने यह मुकाम हासिल किया था।
गांव के उनके सहपाठी बताते हैं कि जेएन शर्मा हंसमुख छवि वाले और मददगार इंसान थे। यह हमारे लिये खुशी की बात है अमेरिका जैसे बड़े देश मे भी उनके कार्यों को सराहा गया है। कुछ साल पहले एक गंभीर बीमारी के कारण 13 सितम्बर 2015 को 58 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। बेशक अध्यापन कार्य के दौरान उनका अधिक समय हमीरपुर शहर में गुजरा लेकिन गांव की माटी से इतना लगाव था कि उन्होंने सुकराला गांव में भी एक घर बनाया है।