शिमला, 27 अक्तूबर : हिमाचल का पुलिस महकमा विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के आधार पर अज्ञात शवों की शिनाख्त करने की कवायद कर रहा है। इसके लिए राज्य पुलिस मुख्यालय ने यूआईडीएआई (UIDAI) से उनके डेटाबेस को इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी है। डीजीपी संजय कुंडू (DGP Sanjay Kundu) ने मंगलवार को यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को एक पत्र लिख कर आग्रह किया है कि अज्ञात शवों की शिनाख्त करने के लिए पुलिस को उनके डेटाबेस के प्रयोग करने की अनुमति दी जाए।
डीजीपी ने कहा है कि मृत्यु के बाद निजता का अधिकार तो समाप्त हो जाता है, परंतु अंतिम संस्कार तक मानव गरिमा का अधिकार बना रहता है। लिहाजा यूआईडीएआई (Unique Identification Authority of India ) के डेटाबेस से मृत व्यक्तियों के बायोमेटिकस मिलान करने की अनुमति दी जाए। इससे किसी जीवित व्यक्ति के निजता का अधिकार प्रभावित नहीं होगा। डीजीपी द्वारा लिए गए पत्र में कहा गया है कि इस कदम से मृत शवों की पहचान करके उनके परिवार को सौंपा जा सकेगा और यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि मृत व्यक्ति के धर्म के अनुसार उनका क्रिया कर्म किया जा सके।
डीजीपी ने यूआईडीएआई से आग्रह किया है कि इसके लिए एक प्रभावी प्रणाली तय की जाए। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में हर साल 100 के करीब शव अलग अलग जगहों पर मिलते हैं और शिनाख्त के अभाव में इन शवों को पुलिस उनके परिवारों को सौंप ही नहीं पाती, क्योंकि समय पर पता ही नहीं चल पाता कि इस शव किसका है। ऐसे में हिमाचल पुलिस ऐसी तकनीक विकसित करना चाह रही है, जिससे लोगों का आधार डाटा बेस इस्तेमाल करके अज्ञात शवों की शिनाख्त हो सके, ताकि परिवारों को शव सौंपने में आसानी हो।