शिमला, 22 अक्टूबर : हिमाचल यूनिवर्सिटी (HPU) प्रशासन के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर छात्र संगठन मोर्चा खोले हुए है। तीनों संगठन एसएफआई, एबीवीपी व एनएसयूआई विवि में पीजी प्रवेश परीक्षाओं (PG entrance examinations) को करवाने की मांग पर अड़े है। जबकि विवि प्रशासन मेरिट आधार पर पीजी में प्रवेश की अधिसूचना जारी कर चुका है। इस फैसले का विरोध जताने के लिए एनएसयूआई (NSUI) ने गुरुवार को विवि परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। खास बात यह रही कि एनएसयूआई के धरने को समर्थन देने के लिए शिमला ग्रामीण के कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह व कांग्रेस नेता रहे हरीश जनारथा भी एचपीयू पहुंचे।
धरने-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने सभी छात्र संगठनों द्वारा प्रवेश परीक्षा की मांग को अपना समर्थन देते हुए विवि कुलपति (University vice chancellor) व प्रशासन के नकारात्मक रवैये की निन्दा की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन नागपुर और नाभा से चल रहा है। विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों में नियुक्तियों के दौरान पात्रता को दरकिनार कर आरएसएस (RSS) की सिफारिशों पर नियुक्तियां ही नियुक्तियां हो रही है। युवा विधायक ने छात्रों पर प्रशासन द्वारा पुलिस बल व लाठियों का प्रयोग किये जाने और छात्रों पर पुलिस केस बनाये जाने को भी गलत ठहराया।
इसके बाद युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह और हरीश जनारथा ने एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर, प्रदेश संगठन महासचिव मनोज चौहान, विवि इकाई अध्यक्ष प्रवीण मिन्हास और प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ मिलकर विवि कुलपति को ज्ञापन सौंपा। कुलपति सिकंदर कुमार ने छात्रों की मांगों मानने व पीजी प्रवेश परीक्षा के फैसले बारे पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया। प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने कहा कि अगर अब भी कुलपति छात्रों की मांगें नहीं मानते तो ऐसे में एनएसयूआई को विवि परिसर से बाहर पूरे प्रदेशभर में इस आंदोलन को चलाने पर मजबूर होना पड़ेगा।