शिमला, 22 अक्टूबर : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ब्यूरोक्रेसी (Bureaucrat) को ताश के पत्तों की तरह फेंट रही है। मुख्यमंत्री की प्रशासन (Administration) पर पकड़ कमजोर होती जा रही है तथा काम करने वाले अधिकारियों को नजरअंदाज किया जा रहा है। कुलदीप सिंह राठौर ने बुधवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि निर्वाचन आयोग(Election Commission) ने नगर निकायों के चुनाव प्रक्रिया के दौरान जिला उपायुक्तों (Deputy Commissioners) के तबादले (Transfers) न करने को कहा था। वाबजूद इसके आधी रात (Mid night) को इन आदेशों को दर किनार करते हुए सरकार ने उपायुक्त बदल डाले। इस आदेश से साफ है कि सरकार ने चुनाव विभाग को गंभीरता से नहीं लिया।
राठौर ने कहा कि आज कोरोना काल में समाज का हर वर्ग सरकार से दुखी है। किसान हो,बागवान हो,कारोबारी हो या आम नागरिक किसी को भी सरकार ने कोई राहत नहीं दी। उन्होंने सरकार से पूछा कि वह बताए प्रधानमंत्री केयर फंड (Prime Minister care fund) और मुख्यमंत्री राहत कोष में कितना धन इकट्ठा हुआ और उसे कहा खर्च किया गया। राठौर ने एक प्रश्न के उत्तर में स्पष्ट किया कि कांग्रेस को प्रदेश में भाजपा के पांच सितारा कार्यालय (Five Star office) बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें दुख है कि उन्होंने इस कोविड काल मे लोगों की कोई मदद (Help) नहीं की। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश से है व देश के वित्त राज्य मंत्री भी प्रदेश से है। ऐसे में इन नेताओं (Leaders) ने कोई भी मदद प्रदेश की नही की। प्रधानमंत्री के समक्ष प्रदेश हित की कोई भी मांग यह नेता नही रख सकें है।
उन्होंने कहा कि बेहतर होता भाजपा के यह नेता इस कोविड काल मे लोगों की कोई आर्थिक मदद (Financial help) करते जिससे प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी (Unemployment) या अन्य समस्याएं दूर होती। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में राठौर ने विश्वविद्यालय में एनएसयूआई के छात्रों के साथ हुए दुर्व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा ने विश्वविद्यालय को अपनी राजनीति का आखाड़ा बना दिया है। छात्रों की मांगों को तुरंत माना जाना चाहिए, जिससे शैक्षणिक माहौल बने।