नाहन, 29 सितंबर : औरों को नसीहत, खुद मियां फजीहत। यह कहावत, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) के कुछ कर्मचारियों पर सटीक बैठ रही है। बैंक के भीतर लंबी कतारें सामाजिक दूरी के नियम को तो तोड़ ही रही हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि बैंक के कुछ कर्मी मास्क पहनने में कोताही बरत रहे हैं। इसकी तस्दीक बैंक में लगे सीसी कैमरे (CC Camera) भी कर सकते हैं। सवाल इस बात पर उठता है कि जिन काउंटर्स (Counters) पर लंबी कतारें लग रही हैं, उस सेवा के लिए डबल काउंटर क्यों नहीं लगा दिए जाते। बड़ी बात यह है कि मजबूरी में ही साधारण लोग बैंक की कतारों में नजर आ रहे हैं। यानि उन्हीं के लिए खतरा है। रसूखदार ग्राहकों के कार्य घर बैठे ही हो जाते हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने मंगलवार को बैंक की शाखा में पाया कि किसी भी अधिकारी को सामाजिक दूरी (Social distance) के नियम से कोई सरोकार नहीं है। यहां तक की कई कर्मचारी खुद ही मास्क पहनने में लापरवाही बरत कर ग्राहकों को भी गलत संदेश दे रहे हैं। बता दें कि बैंक के तीन कर्मचारी कोरोना संक्रमित (corona positive) पाए गए हैं। अहम बात यह है कि बैंक में दाखिल होने पर ग्राहक के हाथ सेनिटाइज करवाए जाते हैं, लेकिन वापसी में कोई परवाह नहीं की जाती। मतलब आप बैंक आएं तो सेनिटाइज हो जाएं, लेकिन अगर आपको बैंक से ही संक्रमण मिल जाए तो वो आप खुद संभालें।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क (MBM News Network) ने बैंक के सुरक्षा कर्मियों से मास्क (Masks) में कोताही को लेकर प्वांइट उजागर किया तो उन्होंने कहा कि आप ही जाकर कहिए। जब बैंक के शीर्ष अधिकारी ही मास्क पहनने में कोताही बरत रहे थे तो जवाब भी क्या मांगा जाता। दीगर यह भी है कि 70 से 80 फीसदी कर्मियों ने मास्क का सही ढंग से इस्तेमाल किया हुआ था। कुल मिलाकर बैंक को अपने कर्मियों के साथ-साथ ग्राहकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
बता दें कि शुरू में तो बैंक द्वारा भीतर दाखिल होने वाले ग्राहकों के फोन नंबर भी रिकॉर्ड (record) किए जा रहे थे, लेकिन अब जब कोरोना का कहर चरम पर है तो महज ग्राहक के हाथ सेनिटाइज ही किए जा रहे हैं।