शिमला / नाहन 22 सितम्बर : पुर्व मंत्री श्यामा शर्मा को मरणोपरांत गार्ड ऑफ़ ऑनर/ राजकीय सम्मान से वंचित रखने पर सवाल उठना शुरू हो गए है। इंटरनैशनल हयुमन राईट ओर्गनाईजेशन ने हिमाचल प्रदेश सरकार (HP Govt.) से जवाब मांगा है। सोमवार को पुर्व मंत्री श्यामा शर्मा की अकस्मात मृत्यु हो गई थी। जिसमे कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) की वजह का हवाला दिया गया था। पुर्व मंत्री की अंत्येष्ठी कोरोना प्रोटोकोल (Corona protocol) नियमों के अंतर्गत अमल मे लाई गई। मगर पुर्व मंत्री को गार्ड ऑफ़ ऑनर/ राजकीय सम्मान नही दिया गया। पूर्व मंत्री के समर्थकों मे खासा रोष है। हालांकि यह तर्क दिया जा रहा है कि कोरोना प्रोटोकोल मे गार्ड ऑफ ऑनर/ राजकीय सम्मान नही दिया जाता, जबकि बताया यह भी जा रहा है कि कोरोना प्रोटोकोल मे गार्ड ऑफ़ ऑनर का विधान दर्ज है। इसे आंशिक तौर पर किया जा सकता था।
दिवंगत श्यामा शर्मा 1977 में पहली बार नाहन विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुनी गई और सरकार में राज्य मंत्री के पद पर आसीन रही। उसके बाद श्यामा शर्मा ने 1982 व 1990 में राज्य विधानसभा में नाहन विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया व योजना बोर्ड की उपाध्यक्ष भी रही। प्रशासनिक लापरवाही का यह मामला इंटरनैशनल ह्यूमन राइट ओर्गनाईजेशन तक पहुंच चुका है। संगठन के समन्वयक सतीश शर्मा ने कहा कि शीघ्र ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मामले में ज्ञापन सौंपा जाएगा और इस बडी लापरवाही के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई जाएगी। बरहाल अगर प्रोटोकोल में आंशिक तौर पर राजकीय सम्मान देने का प्रावधान है तो यह ऐसी चूक है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। फिलहाल सिरमौर के उपायुक्त डॉ आरके परुथी ने इस बारे कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उधर विधानसभा के सचिव यशपाल शर्मा से संपर्क नहीं हो पाया है।