मंडी, 18 सितम्बर : बिलासपुर, मंडी, मनाली लेह-रेल-लाइन के अंतिम सर्वेक्षण के लिए उत्तर रेलवे सर्वेक्षण व निर्माण विंग (Northern Railway Survey & Construction Wing) के अधिकारियों की टीम मंडी पहुंच चुकी है। इस टीम में रक्षा मंत्रालय के विशेषज्ञ (Ministry of Defense Specialists) भी शामिल हैं। रेल मंत्रालय ने मंडी जिला प्रशासन से लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिग (Light Detection and Ranging) सर्वेक्षण के लिए मंडी व सुंदर नगर हेलीपैड के इस्तेमाल करने की 30 सितंबर तक अनुमति ली है। जिसके बाद सुंदरनगर से कुल्लू की तरफ लगातार हेलीकॉप्टर के माध्यम से सर्वे का कार्य प्रगति पर है।
डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर (DC Mandi Rigved Thakur) ने इस बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि दूसरे व तीसरे चरण के सर्वेक्षण का काम 30 सितंबर तक चलेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए रेलवे ने कांगणी और सुंदरनगर में हेलीकॉप्टर उतारने व उड़ान भरने के लिए जिला प्रशासन से 30 सितंबर तक की अनुमति ली है। उन्होंने कहा कि फाइनल लाइट डिटेक्शन एंड रेंज (Final Light Detection and Range) इन के लिए उत्तर रेलवे की टीम मंडी पहुंच चुकी है और सर्वेक्षण का कार्य जारी है।
आपको बता दें कि प्रस्तावित रेल लाइन सामरिक दृष्टि (Strategic vision) से बेहद महत्वपूर्ण है, हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति से चीन व केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के साथ चीन और पाकिस्तान की सीमा लगती है। मनाली लेह मार्ग हर साल पर भारी बर्फवारी के कारण 15 अक्टूबर से 15 मई तक बंद रहता है लाहौल स्पीति और लेह लद्दाख तक आम लोगों और सेना के लिए सामान पहुंचाने के लिए 5 माह का समय लगता है। बिलासपुर- मंडी- मनाली- लेह रेल लाइन के लिए केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद रेलवे व रक्षा मंत्रालय ने इसे हकीकत में बदलने की कवायद शुरू कर दी है।
गत वर्ष रेल लाइन के लिए प्रथम चरण का सर्वेक्षण हुआ था। द्वितीय व तृतीय चरण के लिए सर्वेक्षण से मिलने वाले डेटा का विस्तृत अध्ययन होगा। इसके बाद डीपीआर पर अंतिम मुहर लगेगी। रेल लाइन बिलासपुर, सुंदरनगर, मंडी, कुल्लू, मनाली, केलांग, कोकसर, दारचा, सरचू, उपशी तक संपर्क बनाएगी।