शिमला,07 सितंबर : महिला सुरक्षा से जुड़े कानून के बावजूद भी देवभूमि हिमाचल में अपराध घट नहीं रहे हैं। प्रदेश में हर दिन एक महिला से बलात्कार का मामला दर्ज हो रहा है। गत 3 सालों के बलात्कार के आंकड़े चोैंकाने वाले हैं। इसका खुलासा आज विधानसभा में हुआ। नेता प्रतिपक्ष व विधायक मुकेश अग्निहोत्री के एक सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि बीते तीन वर्षाें में बलात्कार के 1134 मामले दर्ज हुए हैं। सबसे ज्यादा 162 मामले मंडी जिला में सामने आए हैं। इसके अलावा शिमला जिला में 159, सिरमौर जिला में 149, कांगड़ा जिला में 148, कुल्लू जिला में 98, सोलन जिला में 87, बिलासपुर जिला में 75, ऊना जिला में 70, चंबा और हमीरपुर में 54-54, बद्दी में 51, किन्नौर में 25 और लाहौल स्पिति में 2 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा गैंगरेप के भी 43 मामले दर्ज किए गए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बताया कि 925 मामलों में अपराधियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार करके कोर्ट में दाखिल किए गए हैं। वहीं 30 मामलों में अभियुक्तों को सजा हुई है।गौरतलब है कि तीन वर्ष पहले 4 जुलाई 2017 को शिमला के कोटखाई में घटित हुए गुड़िया मामले ने देवभूमि को हिला कर रख दिया था। दुष्कर्म के बाद गुड़िया की बेरहम तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीबीआई ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
मुकेश अग्निहोत्री के एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आयकर दाताओं को आगामी एक साल तक खाद्यान्नों पर दी जाने वाली सब्सिडी बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि आयकरदाताओं को अनुदानित राशन न दिए जाने से लगभग डेढ़ लाख राशन कार्ड धारक इस योजना से बाहर होंगे। आयकरदताओं को मिलने वाले उपदान को बंद करने तथा सरकार द्वारा राज्य अनुदानित योजना के तहत मिलने वाले उपदान को कम करने की वजह से 71 करोड़ रुपए से अधिक की सालाना बचत होगी।