नाहन, 6 सितंबर : होमगार्ड बैंड (Home guard Band) की धुनों का हर कोई मुरीद हो जाता है। हालांकि इस बैंड की धुनें राष्ट्रीय पर्वों (National festivals) के मौके पर विशेष तौर पर सुनाई देती हैं। लेकिन कई बार विशेष अवसरों पर भी ये बिखरती हैं। ताउम्र एक स्टिक पर इन धुनों को नियंत्रित करने वाले बैंड मास्टर राजेंद्र सिंह ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। समूचे होमगार्ड जवानों में मास्टर के आकस्मिक निधन पर शोक की लहर है।
बताया कि ताउम्र धुनों को बिखेर कर हर किसी को रोमांचित करने वाले दिवंगत राजेंद्र सिंह के दोनों बेटे सेना में भर्ती हो चुके हैं। अब परिवार के साथ कुछ अच्छा वक्त बिताने का समय आया था, मगर कुदरत को कुछ ओर ही मंजूर था। निधन की वजह ब्रेन हेमरेज (brain hemorrhage) बताई जा रही है। रविवार सुबह निधन के समाचार ने हर किसी को झिंझोड दिया। मिलनसार स्वभाव के बैंड मास्टर राजेंद्र सिंह कई अन्य गुणों के भी मालिक थे। गौरतलब है कि हाल ही की स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की जिला स्तरीय परेड में अंतिम बार हिस्सा लिया। उनकी छड़ी के इशारे पर ही पुलिस के जवानों की कदमताल हुई।
उधर, अग्रिशमन विभाग (Fire department) के कर्मचारियों ने गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि दिवंगत राजेंद्र सिंह के हुनर व काबलियत को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। कुल मिलाकर हर कोई होमगार्ड बैंड की धुनों को सुनकर रोमांचित होता है, लेकिन शायद ही कोई इस बात से वाकिफ होगा कि इसका सूत्रधार कौन होता है।